KNEWS DESK- कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’, जो 1975 में लागू की गई भारतीय आपातकालीन स्थिति पर आधारित है, ये फिल्म रिलीज के बहुत करीब पहुंच चुकी है। इस फिल्म की प्रमोशन के साथ-साथ, यह फिल्म कई विवादों और आपत्तियों का भी सामना कर रही है। खासकर ऑस्ट्रेलिया स्थित सिख काउंसिल ने इस फिल्म को बैन करने की मांग की है।
सिख काउंसिल का आरोप है कि ‘इमरजेंसी’ में ऐतिहासिक घटनाओं को गलत तरीके से दर्शाया गया है, जिससे सिख शहीदों की इज्जत को नुकसान पहुंच सकता है। काउंसिल का कहना है कि फिल्म सिख और हिंदुओं के बीच तनाव को बढ़ावा देने का काम कर सकती है।
कंगना रनौत ने इस फिल्म को डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया है, और फिल्म में वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं। सिख काउंसिल ने फिल्म को प्रोपोगैंडा करार देते हुए इसके बैन की मांग की है। उनका कहना है कि इस फिल्म में सिख समुदाय के नेताओं और शहीदों को अपमानित किया गया है, जबकि इंदिरा गांधी को एक नायक के रूप में पेश किया गया है।
सिख काउंसिल ने विलेज सिनेमाज को एक पत्र लिखकर चिंता जताई है, जिसमें कहा गया है कि इस फिल्म की स्क्रीनिंग से सिख समुदाय में शांति भंग हो सकती है। खासतौर पर, फिल्म में संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को नकारात्मक ढंग से दर्शाया गया है, जो कि सिख समुदाय के लिए एक गंभीर मुद्दा है।
इस पत्र में कहा गया है, हम आपके सिनेमाघरों में इस फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर चिंतित हैं, जो केवल एक प्रोपोगैंडा है। यह फिल्म भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को हीरो के तौर पर दिखाती है, जबकि सिख शहीदों को अपमानजनक तरीके से दर्शाती है। ऐतिहासिक घटनाओं को गलत तरीके से दिखाना सिख समुदाय के लिए एक बड़ी परेशानी है|
बता दें, फिल्म 7 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है और इसमें अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, और महिमा चौधरी जैसे सितारे भी शामिल हैं। इस विवाद के बीच, कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रिया पर अब सबकी निगाहें टिकी हुई हैं|