KNEWS DESK हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार राजेश खन्ना के लिए एक कहावत बेहद मशहूर थी- ऊपर आका और नीचे काका। राजेश खन्ना ने बॉलीवुड में कई दशक तक काम किया इनका अपना एक अलग ही स्टाइल था।इन्होने अधिकतर हिट फिल्मे ही इंडस्ट्री को दी. साथ ही ये अपने अदाकारी के साथ अपने लुक्स की वजह से भी सुर्ख़ियों में बने रहते थे.फिल्म मेकर्स से डायरेक्टर्स तक, हर कोई राजेश को अपनी फिल्म में लेना चाहता था, इसके लिए वे उनके नखरे भी उठाने के लिए तैयार रहते थे। हर साल कई नए नए टैलेंटेड सितारे आए और मुकाम हासिल किया, लेकिन आज तक काका के रिकॉर्ड्स को कोई तोड़ नहीं पाया। राजेश खन्ना से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
राजेश खन्ना का असली नाम क्या है?
29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में जन्मे राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना था।इनका पालन पोषण लीलावती चुन्नीलाल खन्ना ने किया था। जतिन ने तब के बम्बई स्थित गिरगाँव के सेण्ट सेबेस्टियन हाई स्कूल में दाखिला लिया। फिर उन्होंने फैसला किया कि वह फिल्मी दुनिया में अपना नाम बनाना चाहते हैं, तब उनके चाचा केके तलवार ने उन्हें राजेश नाम दिया था। उनके दोस्त और परिवार के सदस्य उन्हें घर में काका कहकर बुलाते थे, क्योंकि पंजाबियों में नौजवानों को काका बुलाया जाता था। ऐसे में राजेश का निकनेम ‘काका’ पड़ गया।
फिल्मों से मिली पहचान
राजेश खन्ना ने 1966 में पहली बार 23 साल की उम्र में “आखिरी खत” नामक फ़िल्म में काम किया था। इसके बाद राज़, बहारों के सपने, आखिरी खत – उनकी लगातार तीन कामयाब फ़िल्म किया। तब फिर बहारों के सपने पूर्णतः असफल हुआ लेकिन उन्हें असली कामयाबी 1969 में आराधना से मिली जो उनकी पहली प्लेटिनम जयंती सुपरहिट फ़िल्म थी।इस फिल्म के बाद हिन्दी फ़िल्मों के पहले सुपरस्टार का खिताब अपने नाम किया। उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई सुपरहिट फिल्मो में काम किया जैसे – इत्त्फ़ाक़, दो रास्ते, बंधन, डोली, सफ़र, खामोशी, कटी पतंग, आन मिलो सजना, ट्रैन, आनन्द, सच्चा झूठा, दुश्मन, महबूब की मेंहदी, हाथी मेरे साथी।
तगड़ी फैन फॉलोइंग और लड़कियों का पागलपन
70 से 80 का दशक सिर्फ राजेश खन्ना का था। इस दौर में सिर्फ उनका ही सिक्का चलता था।नए टैलेंटेड सितारे वो सब नही हासिल कर पाए जो राजेश खन्ना ने हासिल लिया और उनकी फैन फॉलोइंग इस कदर थी कि चाहे बारिश हो या धुप लेकिन लोग उनके बंगले के बाहर घंटों लाइन लगाकर खड़े रहते थे और दीदार के लिए तरसते थे। यही नहीं, फैंस राजेश खन्ना की कार को किस करते थे। अभिनय के ने अपने चार्मिंग लुक्स से लाखों लड़कियों को दीवाना बनाया हुआ था। आपको जानकर हैरानी होगी कि लड़कियां राजेश की इस कदर दीवानी थीं कि वे उनके लिए अपने खून से लेटर लिखकर भिजवाती थीं। कई लेडी फैंस ने तो राजेश की फोटोग्राफ से ही शादी कर ली थी। कई तो उनके नाम का टैटू अपनी बॉडी पर बनवा लेती थीं। इतनी क्रेजी फैन-फॉलोइंग होने की वजह से राजेश को हमेशा टाइट सिक्योरिटी के साथ पब्लिक प्लेस में जाना पड़ता था।
राजनीति में रखा कदम
जिस दौर में एक स्ट्रगलिंग एक्टर के पास स्कूटर होना बड़ी बात थी, उस वक्त राजेश अपनी बड़ी सी गाड़ी में बैठकर ऑडिशन देने आया करते थे। अभिनेता अपनी लेट-लतीफी के लिए भी मशहूर थे। जब उनका मन होता था, तभी वे सेट पर आते थे। वह किसी के लिए अपनी लाइफस्टाइल से समझौता बिल्नकुल नहीं करते थे। इसके बावजूद राजेश को साइन करने के लिए डायरेक्टर्स-प्रोड्यूसर्स की उनके घर में लाइन लगी रहती थी।राजेश खन्ना ने अपने शुरुवाती करियर में हर तरह की फिल्में कीं। एक्शन से लेकर रोमांटिक, कॉमेडी और पॉलिटिकल फिल्मों तक, राजेश का हर किरदार लाजवाब रहा।हिन्दी फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा इसके साथ राजनीति में भी प्रवेश किया। वे दिल्ली लोक सभा सीट से पाँच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया।
उनकी पत्नी एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया हैं, जबकि बेटियां ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना भी अभिनेत्री रह चुकी हैं।14 जुलाई 2012 को उन्हें मुम्बई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी पत्नी डिम्पल ने मीडिया को बताया कि उन्हें निम्न रक्तचाप है और वे अत्यधिक कमजोरी महसूस कर रहे हैं अन्तत: 18 जुलाई 2012 को यह खबर प्रसारित हुई कि सुपरस्टार राजेश खन्ना नहीं रहे।