भूमि पेडनेकर ने करियर के शुरुआती संघर्ष को लेकर किया खुलासा, कहा – ‘मैं उन लड़कियों की तरह नहीं…’

KNEWS DESK –  2015 में रिलीज हुई फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ ने न केवल दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई, बल्कि यह एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर के करियर की शानदार शुरुआत का सबब भी बनी। इस फिल्म ने रूढ़िवादी समाज के सौंदर्य मानकों और वैवाहिक जीवन से जुड़ी धारणाओं पर गहरी चोट की। भूमि ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने डेब्यू के इस सफर और फिल्म से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे यह फिल्म उनके लिए बेहद खास थी और कैसे इसने उनकी जिंदगी और करियर की दिशा को पूरी तरह से बदल दिया।

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भूमि पेडनेकर का डेब्यू और शुरुआती संघर्ष

‘दम लगा के हईशा’ से पहले भूमि एक साधारण लड़की थीं, जो यशराज फिल्म्स में कास्टिंग टीम का हिस्सा थीं। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन वह खुद इस प्रोडक्शन हाउस की लीड हीरोइन बनेंगी। भूमि ने कहा,”जब मैंने इस फिल्म के लिए ऑडिशन दिया, तो मुझे यह यकीन नहीं था कि मैं मुख्य भूमिका निभा सकती हूं। मैं उन लड़कियों की तरह नहीं दिखती थी, जिन्हें यशराज फिल्म्स ने पहले अपनी फिल्मों में कास्ट किया था। लेकिन यह मौका मेरे लिए एक बड़ा ब्रेक साबित हुआ।”

फिल्म की कहानी और सामाजिक संदेश

‘दम लगा के हईशा’ की कहानी एक साधारण आदमी प्रेम (आयुष्मान खुराना) और उसकी पत्नी संध्या (भूमि पेडनेकर) के इर्द-गिर्द घूमती है। प्रेम एक स्कूल ड्रॉपआउट है और संध्या एक शिक्षित और आत्मनिर्भर महिला है, जो अपने वजन की वजह से समाज में आलोचना झेलती है। शादी के बाद, दोनों के बीच तनाव होता है, लेकिन जब वे एक अनोखी दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं, तो उनके रिश्ते में बदलाव आता है।
इस कहानी ने यह दिखाया कि सच्चा प्यार शरीर के आकार या सुंदरता के पैमानों से परे होता है।

भूमि का नजरिया

भूमि ने बताया कि यह फिल्म उनके दिल के बहुत करीब है।”आज भी जब मेरे फैंस मुझसे मिलते हैं, तो वे ‘दम लगा के हईशा’ की बात सबसे पहले करते हैं। यह मुझे गर्व और खुशी का एहसास कराता है कि मेरी पहली फिल्म इतनी गहराई से दर्शकों के साथ जुड़ पाई।”

सौंदर्य मानकों पर सवाल

‘दम लगा के हईशा’ ने भारतीय सिनेमा में पारंपरिक सौंदर्य मानकों को तोड़ा। यह उन महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बनी जो खुद को मुख्यधारा की सुंदरता के मानकों में फिट नहीं पातीं। भूमि ने कहा, “यह फिल्म इस बात का प्रमाण है कि प्रतिभा और आत्मविश्वास दिखावे से अधिक मायने रखते हैं।”

फिल्म की सफलता और भूमि का शुक्रिया

फिल्म की सफलता ने भूमि के करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा,”मैं इस अवसर के लिए बेहद शुक्रगुजार हूं। इस फिल्म ने मुझे साबित कर दिया कि असली खूबसूरती आत्मा और व्यक्तित्व में है, न कि बाहरी दिखावे में।”

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