KNEWS DESK – बॉलीवुड में अपनी दमदार एक्टिंग से पहचान बना चुके विकी कौशल और बॉबी देओल इन दिनों अलग-अलग वजहों से सुर्खियों में हैं। एक ओर विकी ने इस साल अपनी फिल्म छावा से 807 करोड़ रुपये की कमाई कर 2025 की सबसे बड़ी हिट दी है, वहीं दूसरी ओर बॉबी देओल विलेन बनकर बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि फिल्ममेकर अनुराग कश्यप का मानना है कि इन दोनों सितारों में एक समानता है, दोनों ने अपने करियर में सच्चे कलाकार बनने के लिए संघर्ष और आत्मचिंतन का रास्ता चुना।

विकी कौशल: असिस्टेंट डायरेक्टर से स्टार तक का सफर
अनुराग कश्यप ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि विकी कौशल ने गैंग्स ऑफ वासेपुर में उनके असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया था। उन्होंने बताया, “हां, विकी मेरे असिस्टेंट थे। उनके पिता शाम कौशल जी फिल्म के एक्शन डायरेक्टर थे। विकी देखना चाहते थे कि फिल्म कैसे बनती है, क्योंकि वह शुरू से ही एक एक्टर बनना चाहते थे। उन्होंने बहुत मेहनत की और फिल्ममेकिंग के हर पहलू को समझा।”
अनुराग ने बताया कि विकी ने शूटिंग के दौरान महसूस किया कि एक्टिंग केवल कैमरे के सामने खड़े होने का नाम नहीं, बल्कि एक कला है, जिसे समझना और निखारना पड़ता है। यही वजह थी कि उन्होंने फिल्म के बाद थिएटर जॉइन किया और मानव कौल, कुमुद मिश्रा जैसे शानदार कलाकारों से सीखा। उन्होंने दो-तीन साल थिएटर को समर्पित किया और फिर मसान, राज़ी, संजू और मनमर्जियां जैसी फिल्मों में अपने प्रदर्शन से खुद को साबित किया।
बॉबी देओल: 40 की उम्र में सीखी एक्टिंग की बारीकियां
अनुराग कश्यप ने बॉबी देओल के संघर्ष का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे बॉबी ने अपनी स्टारडम के दौर के बाद खुद को एक नई दिशा दी। “बॉबी ने मुझसे कहा, ‘जब मैं पांच साल का था, मुझे पता था कि मैं स्टार बनूंगा। फिर मैं बन गया। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब सब खत्म हो गया। लोगों के फोन आना बंद हो गए।’”
अनुराग ने आगे कहा कि 40 की उम्र तक किसी ने बॉबी से नहीं कहा था कि उन्हें एक्टिंग सीखनी चाहिए। लेकिन जब उन्होंने वर्कशॉप्स करना शुरू किया, तो उनकी समझ गहरी हुई। क्लास ऑफ ’83, लव हॉस्टल और आश्रम जैसी फिल्मों ने उनकी इमेज पूरी तरह बदल दी और उन्हें एक सीरियस परफॉर्मर के रूप में स्थापित किया।