योगी आदित्यनाथ का बिहार में गरजना, बोले-डबल इंजन की सरकार ने बिहार को जंगलराज से मुक्ति दिलाई, अब विकास की रफ्तार और तेज करनी है

डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव अभियान के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को दानापुर और सहरसा में जनसभाओं को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार का रिश्ता केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि आत्मा और संस्कृति का भी है। यह संबंध उतना ही अटूट है जितना भगवान राम और माता जानकी का। योगी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि बिहार ने देश को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नेतृत्व दिया है, लेकिन 1990 से 2005 के बीच ‘जंगलराज’ और परिवारवाद ने राज्य की पहचान को धूमिल कर दिया। उन्होंने कहा, “वो कौन लोग थे जिन्होंने बिहार की ज्ञानभूमि को अपराध और परिवारवाद की भूमि बना दिया था? हमारे नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया गया था।”

20 सालों में कलंक से मुक्त किया बिहार को

योगी ने कहा कि एनडीए सरकार ने पिछले 20 सालों में बिहार को उस कलंक से मुक्त करने का काम किया है। उन्होंने जनता से अपील की कि बिहार की ‘डबल इंजन की सरकार’ को दोबारा स्थापित किया जाए ताकि विकास की रफ्तार और तेज हो सके।

कांग्रेस पर बोला हमला, विकास बनाम गुर्गे की दी संज्ञा

राजद और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि अब ये पार्टियां ‘विकास बनाम गुर्गे’ की नई बहस शुरू कर रही हैं। “कांग्रेस और राजद चाहते हैं कि फर्जी मतदान हो सके, ताकि वे विदेशी घुसपैठियों को लाकर बिहार के दलितों और गरीबों के अधिकारों पर डाका डाल सकें,” योगी ने कहा। उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसे लोगों को बिहार की जनता फिर से मौका देगी?

राज्य में माफियाओं का हो चुका है सफाया

योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके राज्य में माफियाओं का सफाया हो चुका है। “जो कभी सत्ता के संरक्षण में अराजकता फैलाते थे, आज जहान्नुम की यात्रा पर जा चुके हैं। उनकी संपत्तियों को जब्त कर गरीबों के लिए घर बनाए जा रहे हैं,” उन्होंने कहा।

कांग्रेस ने घोटा था लोकतंत्र का गला

सहरसा में अपने संबोधन में योगी ने कांग्रेस और राजद को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि इनके एजेंडे में कभी गरीब-कल्याण नहीं, केवल परिवार-कल्याण रहा है। उन्होंने आगे कहा “जब कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटा था, तब यही बिहार सबसे पहले उठ खड़ा हुआ था। अब वही कांग्रेस और राजद साथ आकर जयप्रकाश नारायण के सपनों पर पानी फेर रहे हैं।