डिजिटल डेस्क- बिहार में मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण के चलते राजनीति गरमाई हुई है। विपक्ष की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जहां वोटर लिस्ट और मतदाताओं के नाम काटने के आरोप को लेकर भाजपा और चुनाव आयोग को लगातार घेर रहा है, वहीं चुनाव आयोग बार-बार अपनी निष्पक्षता का जवाब दे रहा है और जनता के समक्ष प्रमाण रख रहा है। बीते दिनों चुनाव आयोग की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में अपना मतदाता पहचान नंबर बदलने का आरोप लगाते हुए तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया में फोटो साझा की थी। इसके बाद बिहार में राजनीति ने फिर से अपनी करवट ली है। चुनाव आयोग की तरफ से तेजस्वी यादव को दो वोटर लिस्ट होने की आशंका है। इसके चलते चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को जारी किए वोटर कार्ड की जांच शुरू कर दी है। हालांकि तेजस्वी के दावे की कितनी सच्चाई है, ये तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा….
क्या है मामला ?
बीते दिनों सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर से बताया गया था कि ईपीआईसी नंबर (RAB2916120) और चुनाव आयोग की ओर से जारी ईपीआईसी नंबर (RAB0456228) दोनों अलग-अलग हैं। इसके बाद ये आशंका जताई गई है, कि तेजस्वी यादव के नाम के दो वोटर कार्ड हो सकते हैं। चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। आपको बताते चलें कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग की तरफ से बताया गया कि तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के लिए जो हलफनामा भरा था, उसमें उन्होंने ईपीआईसी नंबर RAB0456228 का इस्तेमाल किया था। यही ईपीआईसी नंबर 2015 की मतदाता सूची में भी मौजूद था और हाल ही में जारी की गई मसौदा सूची में भी उनका नाम इसी नंबर के साथ है।
वोटर कार्ड के जाली होने की जांच कर रहा चुनाव आयोग
आयोग सूत्रों ने तेजस्वी प्रसाद के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उनका ईपीआईसी नंबर बदल दिया गया था। उन्होंने कहा कि राजद नेता ने 2020 में हलफनामे पर अपना नामांकन पत्र भरने के लिए ईपीआईसी नंबर RAB0456228 के साथ मतदाता सूची का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि अन्य ईपीआईसी संख्या RAB2916120 अस्तित्वहीन पाई गई है। 10 वर्षों से अधिक के रिकार्ड की जांच की गई है, तथा यह समझने के लिए आगे जांच की जा रही है कि क्या यह जाली दस्तावेज है। एक अधिकारी ने कहा, संभव है कि यह दूसरा कार्ड कभी आधिकारिक प्रक्रिया से बनाया ही नहीं गया हो। इसकी असलियत पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि यह नंबर कहीं फर्जी दस्तावेज तो नहीं है।