डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर राजनीति पूरी तरह गरमाई हुई है। जहां पिछले दिनों से विपक्ष लगातार इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहा है और लगातार इसका विरोध कर रहा है। वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लगातार इसका विरोध करते हुए चुनाव आयोग पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए लाखों की संख्या में वोट काटने की बात कर रहे हैं। एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने चुनाव को लेकर बड़ी बात कह दी। तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता की राय के अनुसार विपक्ष आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय ले सकता है।
क्या बोले तेजस्वी ?
पत्रकारों से बात करत हुए उन्होंने कहा कि हम इसपर विचार करेंगे। देखेंगे कि सभी लोगों की राय क्या बनती है। बुधवार शाम अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि बेईमानी से यह तय कर ली गई है कि इसे इतनी सीट देनी है, उसे इतनी, तो चुनाव कराएं न कराएं। भाजपा को ही विस्तार दे देना चाहिए। बिहार में चुनाव होना है और अचानक से इतना बड़ा ड्राइव चला दिया गया। लोगों में भ्रम है। बीएलओ लोगों के घर नहीं जा रहे हैं। खुद ही फॉर्म भर दे रहे हैं। चुनाव आयोग सामने आकर कोई बयान नहीं दे रहा है। मजबूरी में हमें अदालत का सहारा लेना पड़ रहा है। आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। पहले वोटर सरकार चुनते थे। अब सरकार वोटर चुन रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि सदन इस बात के लिए होता है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी बातें रखें और उसपर चर्चा हो।
30 सितंबर को होगा अंतिम प्रकाशन
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में आयोजित होने की संभावना है, क्योंकि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। फिलहाल बिहार में SIR का मुद्दा गरमाया हुआ है। चुनाव आयोग ने 28 जून 2025 से SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया शुरू की, जिसमें दस्तावेज सत्यापन और मतदाता सूची की समीक्षा शामिल है। 1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी, और 30 सितंबर 2025 तक अंतिम सूची जारी की जाएगी।