बिहार चुनाव के बाद पहली बार सामने आए प्रशांत किशोर, हार की ली जिम्मेदारी, 20 नवंबर को किया मौन उपवास का ऐलान

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के चार दिन बाद जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने मंगलवार, 18 नवंबर 2025 को प्रेस वार्ता कर पार्टी की हार की पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पार्टी जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई और यह असफलता पूरी तरह उनकी जिम्मेदारी है। प्रशांत किशोर ने बताया कि हार के प्रयाश्चित के तौर पर वह भीतिहरवा गांधी आश्रम में 20 नवंबर को एक दिन का मौन उपवास रखेंगे। उन्होंने साथ ही पार्टी नेताओं और समर्थकों से भी अपील की कि जो लोग मानते हैं कि पार्टी जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई, वे 20 नवंबर को जहां हैं वहां मौन उपवास रखें। यह दिन बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण का अवसर भी है।

एनडीए को जीत के लिए दी बधाई

उन्होंने एनडीए गठबंधन की जीत का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी को बधाई दी और कहा कि अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि जनता के बीच किए गए वादों को पूरा करें। प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि जन सुराज पार्टी ने चुनाव में पूरी ईमानदारी से प्रयास किया, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो पाया। उन्होंने स्वीकार किया कि सत्ता परिवर्तन या व्यवस्था परिवर्तन लाने में पार्टी असफल रही, लेकिन बिहार की राजनीति को बदलने में उनकी कुछ भूमिका रही। किशोर ने कहा कि हमारी कोशिशों और हमारी सोच में, और जिस तरह हमने जनता को समझाने का प्रयास किया, उसमें कहीं न कहीं कोई कमी रही होगी। अगर जनता ने हम पर विश्वास नहीं दिखाया, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी मेरी है। मैं स्वीकार करता हूँ कि मैं बिहार की जनता का विश्वास जीत नहीं सका।

बिहार चुनाव में महज 3 फीसदी ही वोट हासिल कर सकी जन सुराज

बता दें कि जन सुराज पार्टी ने राज्य की 243 सीटों में से 238 पर चुनाव लड़ा और केवल 3 फीसदी के करीब वोट हासिल किए। इस नतीजे के बाद प्रशांत किशोर ने बिहार की आगामी सरकार से पलायन, भ्रष्टाचार और स्थानीय समस्याओं को रोकने की मांग की। प्रेस वार्ता में उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ काम किया, लेकिन परिणाम संतोषजनक नहीं रहे। उनका यह बयान बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में पार्टी की स्थिति और आगामी रणनीति के लिए संकेत माना जा रहा है।