मोकामा विवाद पर बढ़ी सियासी गर्मी: ललन सिंह के बयान पर चुनाव आयोग की नजर, नोटिस भेजने की तैयारी

डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के प्रचार के बीच मोकामा सीट से जुड़ा विवाद तेजी से राजनीतिक रंग पकड़ रहा है। सोमवार को केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद सियासी बवाल मच गया है। वायरल वीडियो में ललन सिंह कथित तौर पर लोगों से अपील करते नजर आ रहे हैं कि “कुछ नेताओं को वोटिंग के दिन घर से बाहर न निकलने दिया जाए, अगर बहुत हाथ-पैर जोड़ें तो अपने साथ ले जाकर वोट करवाइए और फिर घर बैठा दीजिए। यह बयान मोकामा से जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थन में दिए गए भाषण के दौरान आया था। अनंत सिंह इस समय दुलीचंद हत्याकांड मामले में जेल में हैं, जिसके चलते पार्टी की ओर से कई बड़े नेता उनके समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे। इसी दौरान ललन सिंह के भाषण का यह अंश कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विपक्ष ने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया।

आरजेडी ने बोला चुनाव आयोग पर हमला

आरजेडी ने इस वीडियो को अपने आधिकारिक X हैंडल पर पोस्ट करते हुए चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला। पार्टी ने लिखा, “केंद्रीय मंत्री ललन सिंह खुलेआम गरीबों को वोटिंग के दिन घर में बंद रखने की बात कह रहे हैं। क्या चुनाव आयोग मरा हुआ है?” आरजेडी के अलावा कांग्रेस और वाम दलों ने भी इस बयान की कड़ी निंदा की और इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। अब इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग भी सक्रिय नजर आ रहा है। सूत्रों के अनुसार, आयोग ने वायरल वीडियो का संज्ञान लिया है और जल्द ही ललन सिंह को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। आयोग उनसे स्पष्टीकरण मांग सकता है कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया, जो मतदाताओं को मतदान से रोकने की नीयत दर्शाता है।

जेडीयू ने दी सफाई

वहीं, जेडीयू ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा है कि ललन सिंह के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “ललन सिंह का आशय किसी को मतदान से रोकना नहीं था, बल्कि वे विपक्षी नेताओं के दुष्प्रचार से लोगों को सतर्क रहने की बात कर रहे थे।”