KNEWS DESK – बिहार में इस साल के सबसे बड़े राजनीतिक समर की तारीखें तय हो चुकी हैं। चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस बार राज्य में दो चरणों में मतदान होंगे| पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को संपन्न होगा। वहीं, वोटों की गिनती 14 नवंबर 2025 को की जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिहार के साथ-साथ छह राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव इसी दिन कराए जाएंगे। इन सभी सीटों के नतीजे बिहार चुनाव के परिणामों के साथ ही 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
दो चरणों में चुनाव का फैसला
चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में दो चरणों में चुनाव कराने का निर्णय बीजेपी और आरजेडी (राजद) की संयुक्त मांग के बाद लिया गया। दोनों दलों का तर्क था कि इससे मतदाताओं को मतदान में सुविधा होगी और चुनाव प्रशासन को बेहतर ढंग से प्रबंधन करने में आसानी रहेगी।
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों पर इस बार मुकाबला होगा। राज्यभर में चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और प्रशासन ने निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं।
छह राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश की आठ सीटों पर उपचुनाव
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि विभिन्न कारणों से खाली हुई आठ विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव कराए जाएंगे। ये सीटें हैं —
- जम्मू और कश्मीर: बडगाम (Budgam) और नागरोटा (Nagrota) — उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे और देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण खाली।
- राजस्थान: अंत (Anta) — विधायक कंवरलाल के अयोग्य घोषित होने पर उपचुनाव।
- झारखंड: घाटसिला (Ghatsila) — अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में रामदास सोरेन के निधन के बाद सीट रिक्त।
- तेलंगाना: जुबली हिल्स (Jubilee Hills) — विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के कारण चुनाव।
- पंजाब: तरन तारन (Tarn Taran) — डॉ. कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद उपचुनाव।
- मिजोरम: डांपा (Dampa) — अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में ललरिंटलुआंगा सैलो के निधन से सीट खाली।
- ओडिशा: नुआपाड़ा (Nuapada) — विधायक राजेंद्र ढोलाकिया के निधन के कारण उपचुनाव।
राजनीतिक समीकरणों पर नजर
ये उपचुनाव कई राज्यों के राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन उपचुनावों के नतीजे यह संकेत दे सकते हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद जनता का मूड अब किस ओर झुक रहा है।
चुनाव आयोग ने कहा कि उपचुनाव लोकतंत्र की निरंतरता के लिए जरूरी हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी क्षेत्र बिना जनप्रतिनिधि के न रहे।
आयोग की अपील — “शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करें”
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे चुनावी आचार संहिता का पालन करें और शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी माहौल बनाए रखें। आयोग ने स्पष्ट किया कि सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि बिहार और अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न हों। हर वोट की सुरक्षा और हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।”