निर्दलीय चुनाव लड़ने पर बीजेपी विधायक पवन यादव 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित, बिहार राजनीति में मचा हड़कंप

डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कहलगांव के मौजूदा विधायक पवन यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। दरअसल, टिकट कटने के बाद पवन यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने का ऐलान किया था, जिसे पार्टी ने गंभीर अनुशासनहीनता माना है। इस फैसले के बाद कहलगांव की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का माहौल बन गया है।

प्रदेश मुख्यालय प्रभारी की तरफ से जारी किया गया पत्र

बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय प्रभारी अरविंद शर्मा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि पवन यादव का निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय पार्टी के अनुशासन और गठबंधन की एकजुटता के खिलाफ है। उनके इस कदम से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है। अनुशासन समिति की सिफारिश पर नेतृत्व ने उन्हें तत्काल प्रभाव से छह वर्षों के लिए निष्कासित करने का फैसला किया है। प्रदेश कार्यालय से यह पत्र जिला संगठन और संबंधित पदाधिकारियों को भी भेजा गया है ताकि आदेश का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

कहलगांव विस क्षेत्र में बदले चुनावी समीकरण

इस कार्रवाई के बाद कहलगांव विधानसभा क्षेत्र में सियासी समीकरण पूरी तरह बदलते नजर आ रहे हैं। स्थानीय कार्यकर्ता इस निर्णय को लेकर अलग-अलग राय रख रहे हैं। कई समर्थक पवन यादव के पक्ष में खड़े हैं, वहीं कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी अनुशासन सर्वोपरि है। बताया जा रहा है कि यादव के निर्दलीय लड़ने से एनडीए उम्मीदवार की स्थिति कमजोर पड़ सकती थी।

सोशल मीडिया पर बयां किया दर्द

टिकट कटने के बाद पवन यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा था—“किसी को टिकट मिलने से ज्यादा, मेरे टिकट न मिलने की चर्चा हो रही है। यह चर्चा राजनीति नहीं, बल्कि आप सबके प्यार और विश्वास का परिणाम है। पद मिलना सौभाग्य हो सकता है, लेकिन जनता के दिलों में जगह बनाना वरदान होता है। मैं अपनी पहचान पद से नहीं, कर्म और सेवा से बनाऊंगा।” गौरतलब है कि पवन यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को 43 हजार वोटों से हराकर पूरे बिहार में सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। इसके बावजूद इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला, जिससे वे नाराज चल रहे थे।