KNEWS DESK- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जनता दल (यूनाइटेड) ने अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में 44 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इससे पहले पार्टी ने 57 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी। दोनों सूचियों को मिलाकर जेडीयू ने अपने सभी 101 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
जेडीयू की 101 प्रत्याशियों की पूरी सूची में सिर्फ 4 मुस्लिम चेहरे हैं- शगुफ्ता अजीम – अररिया, मंजर आलम – जोकीहाट, सबा जफर – अमौर, जमा खान – चैनपुर। इस आंकड़े को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हैं कि अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व को लेकर जेडीयू की नीति इस बार बेहद सीमित रही है।
भागलपुर जिले की गोपालपुर सीट से मौजूदा विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल का इस बार टिकट काट दिया गया है। गोपाल मंडल ने नीतीश कुमार के आवास के बाहर धरना देकर विरोध जताया था और अब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।
गोपाल मंडल ने आरोप लगाया कि “जेडीयू में बड़े नेताओं की दूषित मानसिकता के कारण मेरा टिकट काटा गया है। पार्टी की अंदरूनी राजनीति में साफ दिख रहा है कि जमीन से जुड़े नेताओं को किनारे किया जा रहा है।” उनका यह बयान पार्टी में भीतरघात और नाराजगी को उजागर करता है।
सूत्रों के मुताबिक, एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार असहज महसूस कर रहे हैं। इस बार जेडीयू और बीजेपी को बराबर 101-101 सीटें दी गई हैं, जबकि पहले जेडीयू गठबंधन में बड़ी पार्टी मानी जाती थी। जानकारों का मानना है कि यह बदलाव नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिति में आई गिरावट को भी दर्शाता है।
पहली सूची में जातीय संतुलन साधने की भरपूर कोशिश की गई थी। इसके अनुसार- 12 उम्मीदवार – दलित, 9 – कुर्मी, 6 – कुशवाहा, 3 – धानुक, 6 – भूमिहार, 5 – राजपूत, 5 – वैश्य, 2 – निषाद, 1-1 – कायस्थ और ब्राह्मण। इसके अलावा, 30 सीटों पर पुराने प्रत्याशियों को बदला गया और 27 को दोबारा मौका मिला। यह तय है कि पार्टी अपने परंपरागत सामाजिक आधार को बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही है।