शिव शंकर सविता- बिहार में चुनावी माहौल गर्म है और जल्द ही पूरा प्रदेश लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेगा। लेकिन हर चुनाव की तरह इस बार भी धन, शराब और बल के दुरुपयोग की आशंकाएं बनी हुई हैं। ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रवर्तन एजेंसियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने साफ किया है कि किसी भी कीमत पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आदेश अमल में लाने के लिए कई विभागों को जारी किये निर्देश
चुनाव आयोग ने राज्य में धनबल और नशे के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए कई विभागों को सक्रिय किया है। इनमें राज्य पुलिस विभाग, उत्पाद विभाग, आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ED), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), आरबीआई, सीजीएसटी, एसजीएसटी, सीमा शुल्क, डीआरआई, आरपीएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी, डाक विभाग, वन विभाग और सहकारी विभाग जैसी कई एजेंसियां शामिल हैं। इन सभी से कहा गया है कि वे कड़ी निगरानी रखें, लेकिन इस दौरान आम नागरिकों को किसी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए।
खर्च पर नजर रखने के लिए तैनात किए गए पर्यवेक्षक
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के खर्च पर नजर रखने के लिए व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती की है। ये पर्यवेक्षक चुनाव की अधिसूचना जारी होने के दिन अपने-अपने क्षेत्रों में पहुंचेंगे और व्यय निगरानी में लगी सभी टीमों के साथ समन्वय बनाएंगे। इसके साथ ही उड़न दस्ते, निगरानी दल और वीडियो मॉनिटरिंग टीमें 24 घंटे सक्रिय रहेंगी ताकि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे, शराब या अन्य प्रलोभनों के किसी भी प्रयास पर तुरंत कार्रवाई हो सके। चुनाव आयोग ने जब्ती और निगरानी की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए “इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ESMS)” नाम की एक ऑनलाइन प्रणाली भी शुरू की है। इसके जरिए सभी एजेंसियां अपनी जब्ती या कार्रवाई की रिपोर्ट रीयल टाइम में अपलोड करेंगी, जिससे किसी भी गड़बड़ी या देरी की संभावना खत्म हो जाएगी।
33.97 करोड़ की नकदी हो चुकी है जब्त
आयोग के अनुसार, 6 अक्टूबर 2025 को चुनाव की घोषणा के बाद से अब तक कुल 33.97 करोड़ रुपये मूल्य की नकदी, शराब, ड्रग्स और मुफ्त उपहार जब्त किए जा चुके हैं। यह अब तक की कार्रवाई की गंभीरता को दर्शाता है। इसके अलावा, आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने ‘C-Vigil App’ को भी सक्रिय किया है। कोई भी व्यक्ति इस ऐप के जरिए चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन या प्रलोभन देने की शिकायत सीधे आयोग तक पहुंचा सकता है। इससे आयोग को जनता के सहयोग से निष्पक्ष और स्वच्छ चुनाव कराने में मदद मिलेगी।