डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे मंगलवार को घोषित हो गए, और इस बार जनता ने भारी जनादेश देकर NDA के झंडे बुलंद कर दिए। पूरे चुनावी मुकाबले में भाजपा–जदयू गठबंधन ने वह कर दिखाया जिसकी भविष्यवाणी ज्यादातर एग्जिट पोल नहीं कर पाए थे। 243 सीटों वाली विधानसभा में NDA ने 202 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है। इसमें सबसे बड़ा सरप्राइज़ यह रहा कि बीजेपी 89 सीट जीतकर सूबे की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि नीतीश कुमार की जदयू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 85 सीटें अपने नाम कीं। चुनावी रणभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी ने इस बार बेहतरीन तालमेल दिखाया। दूसरी ओर NDA के युवा चेहरों ने भी उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 28 सीटों पर कब्जा किया, जबकि जीतन राम मांझी की हम (सेक्युलर) ने 5 सीटें जीतकर अपनी मौजूदगी मजबूत कर दी।
कुछ सीटों पर ‘T-20’ जैसा रोमांच, आखिरी राउंड तक अटकी रहीं सांसें
हालाँकि पूरे राज्य में 12 बजे तक तस्वीर साफ हो चुकी थी, लेकिन कुछ सीटों पर मुकाबला इतना कांटे का रहा कि दोनों पक्षों के समर्थकों की धड़कनें आखिरी राउंड तक तेज रहीं। रामगढ़, संदेश और अगियांव वह तीन सीटें रहीं जहाँ नतीजे सचमुच ‘आखिरी गेंद’ पर तय हुए। रामगढ़ में मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने बड़ा उलटफेर कर दिया। बीएसपी के सतीश कुमार सिंह यादव ने बीजेपी के अशोक कुमार सिंह को सिर्फ 30 वोटों से शिकस्त देकर न सिर्फ पार्टी का खाता खोला, बल्कि 2020 के बाद पहली बार विधानसभा में वापसी कराई। संदेश सीट पर जदयू के राधा चरण शाह ने RJD उम्मीदवार दीपू सिंह को महज 27 वोटों के पतले अंतर से हराया। वहीं अगियांव, जो कि SC के लिए आरक्षित सीट है, वहाँ बीजेपी के महेश पासवान ने CPI(ML) उम्मीदवार शिव प्रकाश रंजन को 95 वोटों से मात दी।
महागठबंधन लगभग साफ, RJD और कांग्रेस को बड़ा झटका
इस बार चुनाव में महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया। तेजस्वी यादव की RJD मात्र 25 सीटों पर सिमट गई, जबकि कांग्रेस का खाता सिर्फ 6 सीटों पर खुल पाया। यह परिणाम साफ बताते हैं कि जनता का भरोसा इस बार पूरी तरह NDA के पक्ष में झुका हुआ था।