शिव शंकर सविता- बिहार चुनाव परिणामों के शुरुआती रुझानों ने राजनीतिक माहौल को बेहद गर्म कर दिया है। इसी बीच पूर्णिया के निर्दलीय सांसद और महागठबंधन समर्थक नेता पप्पू यादव ने नतीजों पर निराशा जताई है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जो संकेत मिल रहे हैं, वे बिहार के भविष्य के लिए ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जो चीज़ें चल रही हैं, उन्हें स्वीकार करना पड़ेगा। यह बिहार के लिए दुर्भाग्य होगा। जनता को मैं कुछ नहीं कह सकता, उनके फैसले का स्वागत करूंगा, लेकिन यह बिहार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा। पप्पू यादव की यह प्रतिक्रिया इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि वे महागठबंधन के मजबूत समर्थक रहे हैं और लगातार चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन आज जब मतगणना शुरू होते ही एनडीए शुरुआती बढ़त में दिखाई दे रहा है, तो इसका असर विपक्षी खेमे पर साफ दिख रहा है। महागठबंधन के कई नेता अभी भी उम्मीद लगाए हुए हैं कि बाद के रुझानों में बदलाव देखने को मिल सकता है, लेकिन शुरुआती तस्वीर ने उनके मन में चिंता बढ़ा दी है।
जनता के विश्वास को स्वीकार करना होगा- पप्पू यादव
पप्पू यादव ने कहा कि उन्होंने हमेशा बिहार के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था को लेकर आवाज उठाई है, लेकिन अगर जनता ने मौजूदा सरकार पर फिर से विश्वास जताया है तो इसे स्वीकार करना ही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वोपरि होता है और उसे सम्मान देना हर राजनेता का कर्तव्य है। हालाँकि उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वे बिहार के मुद्दों पर पहले जैसे ही आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह चुनाव परिणाम उनकी लड़ाई को नहीं बदलेगा। वे जनता से जुड़े मसलों महंगाई, बेरोज़गारी, अपराध और भ्रष्टाचार पर आगे भी सरकार को घेरने का काम करते रहेंगे।
बहुमत के लिए 122 का आंकड़ा छूना है जरूरी
बिहार में 243 सीटों के लिए मतगणना जारी है और 122 सीटों का आंकड़ा बहुमत के लिए जरूरी है। शुरुआती रुझानों में एनडीए बढ़त बनाए हुए है और महागठबंधन पीछे होता दिख रहा है। हालांकि पूर्णिया सहित कई सीटों पर कांटे का मुकाबला चल रहा है और अंतिम नतीजे शाम तक आने की उम्मीद है।