बिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA की बंपर जीत के बीच ‘जन सुराज’ का सफाया, आज प्रशांत किशोर करेंगे बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस

KNEWS DESK- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राज्य की राजनीतिक तस्वीर बदल दी है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मिली भारी जीत ने एक बार फिर उसकी पकड़ मजबूत कर दी है, जबकि महागठबंधन को गहरा झटका लगा है। सबसे बड़ी निराशा उस दल को मिली है जो चुनाव से पहले सत्ता परिवर्तन का दावा कर रहा था—प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी। तीन साल की मेहनत, राज्यभर की यात्राओं और 239 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बावजूद पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई।

चुनाव में करारी हार के बाद जन सुराज की ओर से जानकारी दी गई है कि प्रशांत किशोर आज 16 नवंबर को एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वे विधानसभा चुनाव परिणामों पर अपनी बात रखेंगे और पार्टी की आगे की रणनीति का खाका पेश करेंगे। राजनीतिक गलियारों में इस पीसी को लेकर खासा उत्सुकता है, क्योंकि चुनाव से पहले पीके ने कई बड़े-बड़े दावे किए थे।

प्रशांत किशोर पिछले तीन साल से सूबे के हर जिले में सक्रिय रहे। उन्होंने 243 में से 239 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में स्वयं प्रचार किया। गांव-गांव जाकर अपनी ‘पदयात्रा नीति’ और ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का संदेश दिया। इसके बावजूद जन सुराज पार्टी चुनाव मैदान में कोई असर पैदा नहीं कर पाई। कई उम्मीदवार चुनाव के दौरान ही पाला बदल गए, और ज्यादातर प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।

चुनावी आंकड़ों की मानें तो जन सुराज पार्टी का वोट शेयर 1.5% से भी नीचे रहा। यह न केवल पीके के लिए बड़ा झटका है, बल्कि उनकी चुनावी रणनीति और नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल खड़े करता है। चुनाव से पहले उन्होंने कई भविष्यवाणियां की थीं, जिनमें सबसे चर्चित बयान था “अगर जेडीयू 25 से ज्यादा सीटें जीतती है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।” अब जब जेडीयू 25 से कहीं अधिक सीटें लेकर लौटी है, सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि प्रशांत किशोर अपने इस बयान पर क्या कदम उठाते हैं।

जन सुराज की तरह महागठबंधन को भी अपेक्षा से काफी कम सीटें मिली हैं। चुनाव में एनडीए की लहर इतनी प्रबल थी कि विपक्ष की रणनीति कमजोर पड़ गई। ऐसे में प्रशांत किशोर का तीसरा मोर्चा बनाने का सपना फिलहाल धराशायी हो गया है।