एनडीए के संकल्प पत्र पर अशोक गहलोत का पलटवार, बोलें- एनडीए ने पेश किया जुमलों का पुलिंदा

डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। एनडीए द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए संकल्प पत्र 2025 पर विपक्ष ने तीखा हमला बोला है। कांग्रेस और आरजेडी दोनों ने एनडीए के घोषणापत्र को जुमलों का पुलिंदा और थका हुआ भाषण बताते हुए इसे जनता को गुमराह करने वाला करार दिया है। पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने कहा कि एनडीए का घोषणापत्र पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि सिर्फ 26 सेकेंड में घोषणापत्र जारी किया गया और फिर नेता मीडिया के सवालों से बचकर भाग खड़े हुए। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है। गहलोत ने सवाल उठाया कि बीस साल से सत्ता में रहने के बावजूद एनडीए अब तक कौन-से वादे पूरे कर पाई? रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग के मोर्चे पर बिहार अब भी पिछड़ा क्यों है?

नीतीश कुमार की अनुपस्थिति पर उठाया सवाल

अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि क्या नीतीश कुमार बीमार हैं, या उन्हें खुद अपने वादों पर भरोसा नहीं रहा? अगर मुख्यमंत्री को अपने घोषणापत्र पर विश्वास होता तो वे खुद मंच पर होते। कांग्रेस नेता अनुपम ने मोकामा में हुई हत्या की घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि एनडीए प्रत्याशी के काफिले में हथियार कैसे पहुंचे? उन्होंने इसकी न्यायिक जांच की मांग की और कहा कि अगर सरकार निष्पक्ष है, तो अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करे।

एनडीए का घोषणापत्र एक थका हुआ भाषण- आरजेडी

वहीं, आरजेडी ने भी एनडीए पर तीखा प्रहार किया। पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि एनडीए का घोषणापत्र एक थका हुआ भाषण है जिसमें न योजना है, न नीयत। उन्होंने कहा, “महागठबंधन के कार्यों को कॉपी कर एनडीए अपने नाम पर बेचने की कोशिश कर रही है। लेकिन जनता अब समझ चुकी है कि असली मुद्दा रोजगार, शिक्षा और उद्योग का है और एनडीए के पास इनका कोई जवाब नहीं है।” गगन ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि अब नीतीश जी एनडीए में मुख्यमंत्री कम, मेहमान ज्यादा लगते हैं। बीजेपी ने उन्हें किनारे कर दिया है और जनता इसे साफ देख रही है।