पीएम मोदी से योगी की मुलाकात: मंत्रिमंडल और संगठन में होंगे बड़े बदलाव

KNEWS DESK,  उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़े बदलाव की पटकथा लिखी जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिससे बीजेपी संगठन और राज्य सरकार में संभावित बदलावों पर कयास लगाए जा रहे हैं। इस बैठक में योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री से अप्रैल में जेवर एयरपोर्ट का उद्घाटन करने का समय मांगा। इस एक घंटे की मुलाकात के बाद यूपी मंत्रिमंडल के विस्तार और संगठन में बदलाव के सवाल उठने लगे हैं।

महाकुंभ आयोजन के बाद, सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इन मुलाकातों के दौरान यूपी बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन जारी है और योगी कैबिनेट में छह मंत्री पद खाली हैं। इन बैठकों को सरकार और संगठन में बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। होली के बाद बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की संभावना जताई जा रही है।

उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव दो साल दूर होने के बावजूद बीजेपी ने अपनी सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। विपक्षी इंडिया गठबंधन और खासकर समाजवादी पार्टी के पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक (पीडीए) पॉलिटिक्स से बीजेपी को चुनौती मिल रही है। 2024 में सपा के पीडीए पॉलिटिक्स ने बीजेपी को यूपी में जबरदस्त झटका दिया। हालांकि, विधानसभा उपचुनाव में सीएम योगी की अगुवाई में बीजेपी ने वापसी की, लेकिन 2027 में होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी अभी से अपनी रणनीति पर काम कर रही है।

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव कर सकते हैं। यूपी सरकार में फिलहाल 54 मंत्री हैं और अधिकतम 60 मंत्री हो सकते हैं, इस तरह से 6 मंत्री पद खाली हैं। पिछले दिनों योगी सरकार ने अपने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की थी, जिसके बाद मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। होली के बाद योगी मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की संभावना है, जो 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की जगह नए अध्यक्ष का चुनाव होना है। सीएम योगी ने जेपी नड्डा और पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर भी चर्चा की होगी। बीजेपी के संगठनात्मक बदलाव के तहत नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होली के बाद की जा सकती है। संगठन में फेरबदल से बीजेपी की रणनीति को जमीनी स्तर पर मजबूती मिल सकती है, खासकर 2027 के विधानसभा चुनाव की दिशा और दशा को निर्धारित करने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम है।

सपा के पीडीए को काउंटर करने की रणनीति

बीजेपी संगठन में फेरबदल और कैबिनेट विस्तार का उद्देश्य सपा के पीडीए पॉलिटिक्स को काउंटर करना है। बीजेपी ने संगठन में पिछड़ा और दलित वर्ग को विशेष तरजीह दी है और यादव जाति के नेताओं को भी जिम्मेदारी दी जा रही है। यूपी में सपा का पीडीए समीकरण बीजेपी के लिए एक चुनौती बन चुका है, लेकिन बीजेपी 80 प्रतिशत वोटों को साधने की रणनीति पर काम कर रही है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद कहा है कि यूपी में आगामी चुनाव 80-20 के आधार पर लड़ा जाएगा। उनका मानना है कि बीजेपी 80 फीसदी वोटों पर कब्जा जमाएगी, जबकि अन्य दलों के हिस्से में महज 20 प्रतिशत सीटें आएंगी। 2027 में बीजेपी के सत्ता में तीसरी बार आने की योजना को लेकर संगठनात्मक और कैबिनेट बदलावों की रणनीति बनाई जा रही है।

उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सियासत को मजबूत करने के लिए योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। होली के बाद यूपी के मंत्रिमंडल और संगठन में फेरबदल की संभावना है, जो पार्टी के 2027 में सत्ता में वापसी की योजना के तहत अहम होगा।

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.