डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025–2030 के तहत अब एमएसएमई को वैश्विक मंच से जोड़ने के लिए MICE (Meetings, Incentives, Conferences & Exhibitions) प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के उत्पादों और सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करना, निर्यात बढ़ाना और निवेश आकर्षित करना है। सरकार का फोकस “ब्राण्ड यूपी” को वैश्विक पहचान दिलाने पर है। इसके तहत राज्य में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के MICE कार्यक्रमों को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे विदेशी खरीदारों, निवेशकों और प्रतिनिधियों को उत्तर प्रदेश से सीधे जोड़ा जा सके। इससे न सिर्फ प्रदेश के उद्यमियों को नए बाजार मिलेंगे, बल्कि पर्यटन, सेवा और निर्यात क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी।
कितनी मिलेगी सहायता
योजना के तहत MICE कार्यक्रमों के आयोजन पर प्रति विदेशी प्रतिभागी ₹7,000 की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा एक कार्यक्रम के लिए अधिकतम ₹6 लाख तक की वित्तीय मदद का प्रावधान है। हालांकि, एक MICE ऑपरेटर एक वित्तीय वर्ष में केवल दो कार्यक्रमों के लिए ही इस योजना का लाभ ले सकेगा, ताकि अधिक से अधिक आयोजकों को इसका फायदा मिल सके।
आवेदन की प्रक्रिया और शर्तें
कार्यक्रम के आयोजन से कम से कम 60 दिन पहले निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, उत्तर प्रदेश के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा। प्राप्त आवेदनों की जांच एक स्क्रीनिंग समिति द्वारा की जाएगी। इस समिति में निर्यात, पर्यटन और सेवा क्षेत्र से जुड़े अधिकारी शामिल होंगे, जो कार्यक्रम की गुणवत्ता, उद्देश्य और संभावित लाभों का मूल्यांकन करेंगे। सरकार ने साफ किया है कि दावों को “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर मंजूरी दी जाएगी। आवेदन स्वीकृत होने के बाद तय प्रोत्साहन राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
गलत जानकारी पर सख्त कार्रवाई
योजना में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार ने सख्त प्रावधान भी किए हैं। यदि किसी इकाई द्वारा गलत जानकारी दी जाती है, तो दी गई पूरी राशि की वसूली की जाएगी। इसके साथ ही संबंधित इकाई को भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। योगी सरकार की यह पहल एमएसएमई सेक्टर के लिए एक बड़ा अवसर मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि MICE प्रोत्साहन योजना से उत्तर प्रदेश न केवल अंतरराष्ट्रीय आयोजनों का प्रमुख केंद्र बनेगा, बल्कि निर्यात, रोजगार और निवेश के नए रास्ते भी खुलेंगे।