छोटी दिवाली क्यों कहते हैं? जानिए तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व…

KNEWS DESK- नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है, 19 अक्टूबर 2025 यानी आज मनाई जा रही है। इसका विशेष धार्मिक और पौराणिक महत्व है। इस दिन का संबंध भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर राक्षस के वध से जुड़ा है, जिसे प्रतीकात्मक रूप से पापों से मुक्ति और प्रकाश की ओर अग्रसर होने का दिन माना जाता है।

नरक चतुर्दशी 2025 की तिथि और समय-

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ– 19 अक्टूबर 2025 को दोपहर 01:51 बजे

चतुर्दशी तिथि समाप्त– 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03:44 बजे

पारंपरिक मान्यता के अनुसार, अभ्यंग स्नान (तेल उबटन स्नान) सूर्योदय से पहले किया जाना चाहिए। यह स्नान नरक से मुक्ति, शरीर की शुद्धि और आरोग्य के लिए किया जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, अत्याचारी असुर नरकासुर ने धरती पर आतंक मचा रखा था और 16,000 कन्याओं को बंदी बनाकर रखा था। भगवान श्रीकृष्ण ने इस चतुर्दशी के दिन नरकासुर का वध कर उन कन्याओं को मुक्त कराया। इसी उपलक्ष्य में यह दिन नरक से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है।

इस दिन के मुख्य कार्य

अभ्यंग स्नान: सूर्योदय से पहले तेल लगाकर स्नान करना

दीपदान: घर में और विशेष रूप से घर के बाहर यमराज के लिए दीपक जलाना

सज्जा: घर की सफाई और सजावट कर दीप जलाना

पितरों का स्मरण और पापों से मुक्त होने की कामना

क्यों कहते हैं छोटी दिवाली?

यह पर्व दीपावली से एक दिन पहले आता है और घरों में दीपक जलाने की परंपरा भी होती है, इसलिए इसे छोटी दिवाली के नाम से जाना जाता है। यह दिन वास्तव में दीपावली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक होता है।