KNEWS DESK- एयर इंडिया की उड़ान AI-171 के भयावह हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं, जिनके अनुसार विमान के दोनों इंजन टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद अपने-आप बंद हो गए थे, जिससे विमान का संतुलन बिगड़ गया और वह क्रैश हो गया। इस हादसे में 260 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
इंजन फ्यूल सप्लाई अचानक बंद
AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, 12 जून को सुबह 8:08 बजे टेकऑफ के तुरंत बाद विमान ने 180 नॉट्स की अधिकतम इंडिकेटेड एयरस्पीड हासिल की थी। ठीक उसी समय, महज एक सेकंड के अंतराल पर दोनों इंजन के फ्यूल कट-ऑफ स्विच ‘रन’ से अचानक ‘कट-ऑफ’ पोजिशन में चले गए। इसका मतलब था कि इंजनों को ईंधन मिलना पूरी तरह बंद हो गया, जिससे वे फौरन बंद हो गए।
जांच में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) से प्राप्त जानकारी के आधार पर पता चला है कि पायलटों को इंजन बंद होने की कोई चेतावनी या पूर्व संकेत नहीं मिला था। रिपोर्ट के अनुसार, एक पायलट ने जब दूसरे से पूछा, “तुमने इंजन क्यों बंद किया?”, तो जवाब मिला, “मैंने कुछ नहीं किया।” इससे स्पष्ट है कि इंजन बंद होना किसी मानवीय भूल या जानबूझकर की गई कार्रवाई का नतीजा नहीं था।
इमरजेंसी हालात को देखते हुए विमान के ऑटोमैटिक सिस्टम ने रैम एयर टर्बाइन (RAT) और ऑक्जिलरी पावर यूनिट (APU) जैसे बैकअप सिस्टम्स को सक्रिय किया। RAT, जो आमतौर पर इंजन या इलेक्ट्रिक पावर फेल होने की स्थिति में स्वत: एक्टिव होता है, बाहर निकलकर हवा की गति से पावर जनरेट करने लगा। हालांकि, यह प्रयास विमान को बचा नहीं सका।
यह भयावह हादसा अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही फ्लाइट AI-171 के टेकऑफ के चंद मिनटों बाद हुआ। विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में जा गिरा। हादसे में 241 यात्रियों और 12 क्रू सदस्यों समेत कुल 260 लोगों की मौत हो गई, जबकि चमत्कारिक रूप से एक यात्री जीवित बच गया। यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और 7 पुर्तगाली नागरिक शामिल थे।
AAIB ने साफ किया है कि यह रिपोर्ट केवल प्रारंभिक जांच पर आधारित है और हादसे के अंतिम कारणों की पुष्टि के लिए विस्तृत तकनीकी जांच अब भी जारी है। रिपोर्ट में संभावित तकनीकी खामी, सॉफ्टवेयर गड़बड़ी या मेंटनेंस से जुड़ी चूक को संभावित कारणों में गिना गया है, लेकिन किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है।