कहां से आया ‘रोहिणी’ नाम, और यादव की जगह ‘आचार्य’ क्यों लिखती हैं लालू की बागी बेटी?

KNEWS DESK- बिहार की राजनीति और लालू परिवार इन दिनों गहरे संकट से गुजर रहा है। आरजेडी की चुनावी हार के बाद उठे विवाद ने बड़ा रूप ले लिया है। इसी बीच लालू प्रसाद यादव की दूसरी संतान रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला ऐलान किया वे राजनीति छोड़ रही हैं और अपने परिवार से भी नाता तोड़ रही हैं।

उनका यह फैसला अचानक है, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि काफी पुरानी है, जिसमें परिवारिक तनाव, राजनीतिक दखल और चुनावी हार की निराशा शामिल है।

रोहिणी, लालू और राबड़ी देवी के नौ बच्चों में से दूसरी संतान हैं। तेजस्वी और तेजप्रताप से बड़ी MBBS डॉक्टर, 2022 में पिता लालू को किडनी दान देकर चर्चा में, 2024 लोकसभा चुनाव में सारण से आरजेडी प्रत्याशी, सारण सीट पर उन्होंने “किडनी देने वाली बेटी” की पहचान के साथ चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी से हार गईं।

रिपोर्ट के मुताबिक, उनका नाम रोहिणी इसलिए रखा गया क्योंकि उनका जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। उनका उपनाम आचार्य उस डॉक्टर से आया, जिन्होंने उनका जन्म कराया था—डॉ. कमला आचार्य। लालू ने फीस देनी चाही, लेकिन डॉक्टर ने साफ इनकार कर कहा- “फीस मत दीजिए, बच्ची का नाम मेरे नाम पर रख दीजिए।” इसी तरह रोहिणी के नाम में आचार्य जुड़ा।

रोहिणी का सोशल मीडिया पोस्ट बेहद भावुक और आरोपों से भरा था। उन्होंने लिखा “मैं राजनीति छोड़ रही हूं और परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज़ ने ऐसा करने को कहा था। सारा दोष मैं अपने ऊपर ले रही हूं।”

ये वही संजय यादव हैं जो तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार और सबसे करीबी सहयोगी माने जाते हैं। राजनीतिक गलियारों में लंबे समय से चर्चा थी कि संजय और तेजस्वी की टीम परिवार पर भारी पड़ रही है। इसके अलावा बड़े भाई तेजप्रताप के निष्कासन और परिवार में अंदरूनी दूरी ने तनाव को और बढ़ा दिया था।