KNEWS DESK- लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने गुरुवार यानी आज कहा कि यह विधेयक भाजपा के कट्टर समर्थकों को खुश करने के लिए पेश किया गया है।
संसद में बोलते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि यह विधेयक एक सुनियोजित राजनीतिक एजेंडे के तहत पेश किया जा रहा है। अगर चुनाव के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, तो नामांकन की क्या आवश्यकता है? सपा नेता ने पूछा कि जब अन्य धार्मिक निकायों में ऐसा नहीं किया जाता है, तो वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का क्या मतलब है।
विपक्ष ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने का कड़ा विरोध किया, जिसमें कई भारतीय ब्लॉक सांसदों ने इसे संविधान पर हमला बताया और कहा कि इसका उद्देश्य मुसलमानों को निशाना बनाना है। उन्होंने सरकार से विधेयक वापस लेने का भी आग्रह किया।
वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन करने वाले विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 में दूरगामी बदलावों का प्रस्ताव है, जिसमें ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना शामिल है। वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य अधिनियम का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करना भी है। इसे मंगलवार रात को लोकसभा सदस्यों के बीच प्रसारित किया गया।
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