नई दिल्ली- योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक (एमडी) बालकृष्ण ने मंगलवार यानी आज सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वे भ्रामक विज्ञापन मामले में सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को तैयार हैं। रामदेव और बालकृष्ण की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच से कहा कि मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को तैयार हूं।
सुप्रीम कोर्ट ने कक्ष में मौजूद रामदेव और बालकृष्ण को बेंच के साथ बातचीत के लिए आगे आने को कहा। बेंच ने कहा कि उन्हें महसूस होना चाहिए कि उनका अदालत से जुड़ाव है। रामदेव और बालकृष्ण ने अपने उत्पादों की औषधीय प्रभावशीलता के बारे में बड़े- बड़े दावे करने वाले कंपनी के विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट के सामने “बिना शर्त’’ माफी मांगी है। दो अलग- अलग हलफनामों में रामदेव और बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल 21 नवंबर के आदेश में दर्ज ‘‘बयान के उल्लंघन’’ के लिए बिना शर्त माफी मांगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर, 2023 के आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने उसे आश्वासन दिया था कि ‘‘अब से खासकर पतंजलि आयुर्वेद की निर्मित और मार्केटिंग किए गए उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग के संबंध में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होगा। पतंजलि ने ये भी कहा था कि असर के संबंध में या चिकित्सा की किसी भी पद्धति के खिलाफ कोई भी बयान किसी भी रूप में मीडिया में जारी नहीं किया जाएगा।’’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ‘‘इस तरह के आश्वासन का पालन करने के लिए बाध्य है। आश्वासन का पालन नहीं करने और उसके बाद मीडिया में बयान जारी किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाखुशी जाहिर की थी। कोर्ट ने बाद में पतंजलि को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया कि क्यों न उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए।
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