KNEWS DESK- आज भारत के 10 राज्यों की 31 विधानसभा सीटों और केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ये उपचुनाव विभिन्न कारणों से हो रहे हैं, जिनमें से प्रमुख कारण विधायकों का लोकसभा चुनाव में चयन, विधायकों का निधन, और दलबदल शामिल हैं।
राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर मतदान
राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों के लिए 307 पोलिंग बूथों पर मतदान जारी है। इन बूथों पर कुल 1,472 मतदान कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। यह उपचुनाव उन सीटों के लिए हो रहे हैं जहां के विधायक लोकसभा चुनाव में चुने गए थे या अन्य कारणों से उनकी सीटें खाली हो गई थीं।
छत्तीसगढ़ में 266 पोलिंग बूथों पर वोटिंग
छत्तीसगढ़ में भी उपचुनाव हो रहे हैं, जहां 266 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। मतदान प्रक्रिया में राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है ताकि चुनाव शांति से संपन्न हो सके।
वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव
केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव हो रहे हैं, जो कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस सीट को छोड़कर रायबरेली सीट चुनने के कारण हो रहा है। राहुल गांधी ने 2019 में दोनों सीटों—रायबरेली और वायनाड—से चुनाव लड़ा था और दोनों पर जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी। अब प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस की प्रत्याशी हैं और वायनाड से चुनावी मैदान में हैं।
प्रियंका गांधी वाड्रा के मुकाबले भाजपा की ओर से नव्या हरिदास और लेफ्ट गठबंधन LDF के प्रत्याशी सत्यन मोकेरी चुनावी मैदान में हैं। वायनाड सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला देखा जा रहा है।
उपचुनाव की पृष्ठभूमि और सीटों का विश्लेषण
इन 31 विधानसभा सीटों में से 28 सीटें लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के बाद खाली हुई थीं, 2 सीटें विधायकों के निधन के कारण रिक्त हुईं और 1 सीट दलबदल के कारण खाली हुई है। इनमें से 4 सीटें अनुसूचित जाति (SC) और 6 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं।
इन सीटों में से 18 सीटें विपक्षी दलों के पास थीं, जिनमें से कांग्रेस के पास 9 सीटें थीं। NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के पास 11 सीटें थीं, जिसमें से 7 सीटें भाजपा के खाते में थीं और 2 सीटें अन्य दलों के पास थीं।
सिक्किम में निर्विरोध जीत
सिक्किम की 2 विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को ही सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) के दोनों प्रत्याशियों को निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया गया था। यह उन क्षेत्रों में हो रहा था जहां कोई अन्य प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं था।
चुनाव आयोग ने की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
इन उपचुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की घोषणा की है। मतदान केंद्रों पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है ताकि चुनावी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो सके। सभी मतदान केंद्रों पर मतदान के दौरान कोविड-19 गाइडलाइन्स का पालन किया जाएगा और मतदाताओं को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की सलाह दी जाएगी।
नतीजों पर नजर
इन उपचुनावों के परिणाम आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति और केंद्र सरकार के लिए महत्वपूर्ण संकेत दे सकते हैं। चुनाव परिणामों से न केवल विपक्षी दलों के समीकरण का पता चलेगा, बल्कि यह भी साफ होगा कि भाजपा और कांग्रेस के लिए आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा क्या होगी।
इन उपचुनावों की पूरी जानकारी, सुरक्षा व्यवस्था और मतदान प्रक्रिया पर पूरी नजर रखी जाएगी। मतदान के बाद मतगणना की तारीख तय की जाएगी और परिणाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे।
ये भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव: पहले चरण के लिए 43 सीटों पर वोटिंग शुरू, 1.37 करोड़ मतदाता करेंगे मतदान