प्लेन क्रैश में जिंदा बचे विश्वास रमेश ने बताई क्रैश की पूरी कहानी, स्पीड में मेरे सामने घुसा हॉस्टल में फिर उसके बाद….

डिजिटल डेस्क- अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया के प्लेन क्रैश की मुख्य वजह और कारण ब्लैक बॉक्स की बरामदगी और टेक्निकल जांच के बाद ही सामने आएंगी पर इस हादसे में जिंदा बचे एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश ने प्लेन क्रैश होने से पहले बिगड़ी परिस्थितियां, अचानक लगे तेज झटके और क्रैश से पहले की पूरी कहानी साझा की। इलाज के लिए सिविल अस्पताल में एडमिट विश्वास कुमार रमेश ने बताया कि क्रैश से पहले की स्थिति काफी भयावह थी, अचानक झटके लगने लगे और सब कुछ ही सेकेंड के भीतर हो गया।

अचानक चालू हो गई ग्रीन लाइट

प्लेन क्रैश में जिंदा बचे एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश ने एक न्यूज रिपोर्ट में कहा कि टेकऑफ के बाद एक मिनट के अंदर ही पहले लगा कि 5-10 सेकेंड के लिए लगा कि अटक गया। बाद में मुझे लगा कि कुछ हुआ। प्लेन में लाइट ऑन हो गई, ग्रीन और वॉइट। प्लेन टेकऑफ के लिए रेस दिया था। सीधा स्पीड में ही घुस गया हॉस्टल में। मेरे सामने सब हुआ। प्लेन के क्रैश होने से पहले एक जोरदार धमाका हुआ। सबकुछ इतनी जल्दी हुआ कि कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है।

गेट के टूटते ही निकलने का प्रयास किया और सफल हो गया

न्यूज एजेंसी से बात करते हुए यात्री विश्वास कुमार रमेश ने बताया कि मैं जिस साइड पर था वह हॉस्टल के ऊपर नहीं जमीन पर गिरा था। मैं जहां गिरा वहां थोड़ी जगह थी प्लेन से बाहर जाने के लिए। जैसे गेट टूटा ना, मैंने देखा कि थोड़ा स्पेस है। मैं वहां से ट्राई किया निकलने के लिए तो निकले में कामयाब हो गया। दूसरी तरफ बिल्डिंग की दीवार थी तो वहां से कोई नहीं निकल पाया होगा। मैं जहां था वहीं थोड़ी जगह थी। पता नहीं में कैसे बच गया, वहां एयरहोस्टेस, अंकल आंटी सबकी लाशें थीं। पहले तो मुझे भी लगा कि मैं मर गया लेकिन फिर आंख खुली तो देखा जिंदा हूं और मैं वहां से उठकर भागा। मैं जब निकल रहा था आग लग गई, मेरा एक हाथ भी जल गया उसमें।