Uttarkashi Tunnel Rescue: 36 मीटर तक पहुंची वर्टिकल ड्रिलिंग, ऑगर मशीन के हिस्से निकाले गए बाहर

KNEWS DESK- सिलक्यारा टनल में चल रहे रेसक्यू ऑपरेशन का आज 17 वां दिन है। टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास लगातार जारी है। पहले ऑगर मशीन का इस्तेमाल किया गया जिसके बाद अब वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है। साथ ही ऑगर मशीन जो खराब हो गई थी उसके हिस्से भी बाहर निकाल लिए गए हैं।अब वर्टिकल के साथ-साथ मैनुअल ड्रिलिंग की जा रही है।

सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग जारी रही। जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। पाइप को धकेलने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। अब तक करीब 2 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है। माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने बताया कि कल रात हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंंग का काम बहुत अच्छा हुआ। हम 50 मीटर पार कर चुके हैं। अब लगभग 5-6 मीटर जाना बाकी है। कल रात हमारे सामने कोई बाधा नहीं थी।

अमेरिकी ऑगर मशीन के हिस्से निकाले गए बाहर

मलबे में फंसी अमेरिकी ऑगर मशीन के हिस्से बाहर निकाल लिए गए हैं जबकि सुरंग के ऊपर से की जा रही वर्टिकल ड्रिलिंग 36 मीटर तक पहुंच गयी है। बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि मलबे के अंदर फंसी ऑगर मशीन के हिस्सों को काटकर निकाल दिया गया। हाथ से काम शुरू हो गया, लेकिन इसके पूरा होने की समयसीमा नहीं बतायी जा सकती। भगवान से प्रार्थना है कि कठिनाइयां न आएं ताकि जल्द से जल्द श्रमिकों तक पहुंचा जा सके।

मलबे को ‘रैट होल माइनिंग’ तकनीक से साफ करने के लिए विशेषज्ञों ने अपना काम शुरू कर दिया है। चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही इस सुरंग के अवरूद्ध हिस्से में शेष बचे 10-12 मीटर के मलबे को साफ करने के काम में ‘रैट होल माइनिंग’ के इन विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। उन्होंने बताया कि श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर तक वर्टिकल ड्रिलिंग की जानी है जिसमें से 50 मीटर तक ड्रिलिंग करना शेष है।

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