KNEWS DESK – उत्तराखंड में माध्यमिक अतिथि शिक्षकों की वेतन वृद्धि और स्थायी व्यवस्था को लेकर लंबित समस्याओं का समाधान पाने की उम्मीद अब आगामी कैबिनेट बैठक पर टिकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में अतिथि शिक्षकों की मांगों पर चर्चा हो सकती है। पिछले एक साल से ये शिक्षक अपनी मांगों के लिए शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मुलाकात कर रहे हैं, और अब उन्हें विश्वास है कि इस बैठक से उनके मुद्दों का समाधान निकलेगा।
अतिथि शिक्षकों की समस्याएं
बता दें कि माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने कहा कि अतिथि शिक्षक पिछले नौ वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें स्थायी व्यवस्था में लाने के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई है। इसके अलावा, वेतन वृद्धि को लेकर भी लगातार आश्वासन मिलते रहे हैं, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने पिछले एक साल से वेतन वृद्धि के बारे में आश्वासन दिया है, लेकिन यह मामला अब तक सुलझ नहीं सका।
वेतन वृद्धि और पद सुरक्षित करने की मांग
अतिथि शिक्षकों की प्रमुख मांगों में वेतन वृद्धि और उनके पदों को सुरक्षित किया जाना शामिल है। पिछले वर्ष 14 अगस्त को हड़ताल के दौरान, शिक्षकों ने यह मांग की थी कि 50 दिनों के अंदर पद लॉक किए जाएं, वेतन में वृद्धि की जाए और बाहर कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों का समायोजन किया जाए। हालांकि, सरकार ने इन मांगों को पूरा करने का वायदा किया था, लेकिन अब तक कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ है।
नए अतिथि शिक्षकों की भर्ती और पुराने शिक्षकों के भविष्य का सवाल
महामंत्री दौलत जगूड़ी ने कहा कि 26 नवंबर को शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में त्रिस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें 2015 के अतिथि शिक्षकों के पदों को सुरक्षित करने, वेतन वृद्धि और अन्य समस्याओं को जल्द हल करने की सहमति बनी थी। हालांकि, सरकार नए अतिथि शिक्षकों की भर्ती कर रही है, लेकिन 2015 से काम कर रहे पुराने अतिथि शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने का वायदा अब तक पूरा नहीं किया गया है।
अतिथि शिक्षकों के शोषण के आदेश
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि शासन स्तर पर जो भी प्रस्ताव निदेशालय में भेजे जा रहे हैं, उन्हें लंबित किया जा रहा है। इसके विपरीत, शिक्षकों के शोषण के आदेश निकाले जा रहे हैं। अतिथि शिक्षक इस स्थिति को अब और सहन नहीं करने का इरादा रखते हैं और उन्होंने शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री से उनके हित में जल्द निर्णय लेने की अपील की है।