KNEWS DESK, उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन इस घटना से जुड़ी घटनाओं और राजनीतिक हलचलों का सिलसिला लगातार जारी है। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संभल जाने की खबर आ रही है। राहुल गांधी कल यानी 4 दिसंबर को संभल जा सकते हैं और वहां के पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे ये नेता
बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कल यानी 4 दिसंबर को, 2024 को उत्तर प्रदेश के संभल जिले का दौरा करेंगे। यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने मंगलवार को दी। राय के अनुसार, राहुल गांधी के साथ उत्तर प्रदेश के सभी छह कांग्रेस सांसद भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। इस दौरान पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के भी राहुल गांधी के साथ जाने की संभावना जताई जा रही है।
अजय राय ने बताया कि कांग्रेस के सभी छह सांसद, जिनमें पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे भी शामिल होंगे, इस दौरे में राहुल गांधी के साथ होंगे। इसके अलावा, राय ने यह भी कहा कि वह स्वयं भी राहुल गांधी के साथ संभल जाएंगे, जो रायबरेली से सांसद हैं। प्रियंका गांधी वाद्रा के दौरे में शामिल होने की संभावना के बारे में राय ने कहा कि प्रियंका भी राहुल के साथ जा सकती हैं, हालांकि इसका अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
संभल में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी
संभल जिले में पिछले कुछ समय से तनाव का माहौल है। 19 नवंबर को अदालत के आदेश पर एक मुग़लकालीन मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था, जिसके बाद यह विवाद गहरा गया कि इस स्थान पर कभी हरिहर मंदिर था। 24 नवंबर को मस्जिद के दूसरे सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में चार व्यक्तियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे।
संभल में स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने 10 दिसंबर तक जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगाई थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया गया है। इसके तहत किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि को जिले में प्रवेश के लिए सक्षम प्राधिकार से अनुमति प्राप्त करनी होगी। जिलाधिकारी ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (निषेधाज्ञा) लागू करने का आदेश दिया है।
सांसदों और नेताओं ने सरकार पर उठाए सवाल
इस हिंसा को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार पर सवाल उठा रही हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने संसद में कहा कि संभल हिंसा के लिए केवल प्रदर्शनकारी ही नहीं, बल्कि स्थानीय प्रशासन भी जिम्मेदार है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उन्हें निलंबित किया जाए।
संभल हिंसा के कारणों की जांच जारी
सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद, राज्य प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है। अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया गया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि मस्जिद की जगह पहले हरिहर मंदिर था। इस सर्वे के बाद ही विवाद शुरू हुआ और 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा फैल गई। इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन और सरकार के बीच चर्चाएं चल रही हैं।
राहुल गांधी की यात्रा पर नजरें
राहुल गांधी की यात्रा से पहले ही संभल में सुरक्षात्मक उपायों को कड़ा कर दिया गया है। कांग्रेस नेता पीड़ित परिवारों से मिलने के साथ ही सरकार के खिलाफ भी आवाज उठा सकते हैं। इस घटनाक्रम ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति को गरमा दिया है, और यह देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस इस मुद्दे को किस तरह से उठाती है।