KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसे अब तक का सबसे व्यापक संशोधन माना जा रहा है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा के अनुसार, SIR से पहले राज्य में कुल 15.44 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे, लेकिन पुनरीक्षण के बाद लगभग 2.89 करोड़ नाम मतदाता सूची से हटाए जाने तय हुए हैं। यह कटौती कुल मतदाताओं का करीब 18.7 प्रतिशत है।
SIR अभियान की अंतिम तिथि 26 दिसंबर 2025 थी। पहले यह प्रक्रिया 4 दिसंबर को समाप्त होनी थी, लेकिन बाद में इसे दो बार बढ़ाकर पहले 14 दिसंबर और फिर 26 दिसंबर कर दिया गया। चुनाव आयोग ने तीसरी बार समय बढ़ाने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि समय बढ़ने से कुछ मतदाताओं के नाम सूची में बने रह सके, जिससे हटाए जाने वाले नामों की संख्या पहले के अनुमानित 2.91 करोड़ से घटकर 2.89 करोड़ रह गई।
सूत्रों के मुताबिक, मतदाता सूची से हटाए गए नाम अलग-अलग श्रेणियों से जुड़े हैं। सबसे बड़ी श्रेणी उन मतदाताओं की है जो स्थायी रूप से उत्तर प्रदेश से बाहर शिफ्ट हो चुके हैं, जिनकी संख्या करीब 1.26 करोड़ है। इसके अलावा लगभग 46 लाख नाम मृत घोषित मतदाताओं के हैं। डुप्लीकेट यानी दोहरे नामों की संख्या 23.70 लाख बताई गई है, जबकि 83.73 लाख मतदाता लंबे समय से लापता या अनुपस्थित पाए गए। लगभग 9.57 लाख नाम अन्य कारणों से हटाए गए, जैसे फॉर्म लेने के बाद उसे जमा न करना।
चुनाव आयोग 31 दिसंबर 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करेगा, जिसमें लगभग 12.55 करोड़ मतदाताओं के शामिल होने का अनुमान है। इसके बाद 31 दिसंबर 2025 से 30 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी, ताकि पात्र मतदाता अपने नाम जुड़वाने या सुधार करा सकें।
31 दिसंबर 2025 से 21 फरवरी 2026 के बीच नोटिस जारी करने, दावों के निस्तारण और फॉर्म पर अंतिम निर्णय की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद 28 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। यही अंतिम सूची आगामी चुनावों, विशेष रूप से संभावित 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, के लिए आधार बनेगी।