उत्तर प्रदेश उपचुनाव: समाजवादी पार्टी ने 6 सीटों पर ही क्यों घोषित किए प्रभारी? जानें 4 सीटों की स्थिति…

KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने रणनीतिक तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को सपा ने 6 प्रमुख सीटों पर अपने प्रभारियों की घोषणा की, लेकिन 4 सीटों पर अब भी असमंजस बना हुआ है। इन 6 सीटों पर प्रभारियों की नियुक्ति और अन्य 4 सीटों की स्थिति ने राजनीति में हलचल मचा दी है।

प्रभारियों की नियुक्ति

अखिलेश यादव ने जिन 6 सीटों पर प्रभारी नियुक्त किए हैं, उनमें अंबेडकरनगर की कटेहरी, फैजाबाद की मिल्कीपुर, प्रयागराज की फूलपुर, मिर्जापुर की मझवां, कानपुर की सीसामऊ और मैनपुरी की करहल शामिल हैं। इन सीटों पर नियुक्त किए गए प्रभारियों की सूची इस प्रकार है।

कटेहरी: चाचा शिवपाल यादव

मिल्कीपुर: अवधेश प्रसाद और लाल बहादुर यादव

फूलपुर: इंद्रजीत सरोज

मझवां: वीरेंद्र सिंह

सीसामऊ: राजेंद्र कुमार

करहल: चंद्रदेव यादव

इनमें से चार सीटें (कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और सीसामऊ) 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के खाते में आई थीं, जबकि मझवां में निषाद पार्टी और फूलपुर में बीजेपी को जीत मिली थी।

अज्ञात 4 सीटों की स्थिति

सपा ने अभी भी चार महत्वपूर्ण सीटों पर प्रभारी घोषित नहीं किए हैं- संभल की कुंदरकी, बिजनौर की मीरापुर, अलीगढ़ की खैर और गाजियाबाद की सदर। यह निर्णय राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

कांग्रेस से गठबंधन की स्थिति- लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ था, और उपचुनाव में भी दोनों दलों के गठबंधन की संभावना है। गाजियाबाद और फूलपुर की सीटों को लेकर कांग्रेस ने मांग की थी, लेकिन सपा ने फूलपुर पर इंद्रजीत सरोज को प्रभारी बना दिया है। गाजियाबाद की सीट पर कांग्रेस को मौका दिए जाने की संभावना है, यदि गठबंधन बनता है।

लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन- बिजनौर और गाजियाबाद में सपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। मीरापुर में आरएलडी और गाजियाबाद की सदर सीट पर बीजेपी की जीत हुई थी। इस कारण, इन सीटों पर सपा को नए रणनीतिक कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है।

दावेदारों की भरमार- कुंदरकी और खैर सीटों पर दावेदारों की लंबी लिस्ट है। कुंदरकी पर सीनियर बर्क परिवार का गढ़ माना जाता है और यहां पर टिकट को लेकर दावेदारों की संख्या बढ़ गई है। खैर में भी दावेदारों की संख्या अधिक है। यह भी एक कारण हो सकता है कि सपा ने अभी तक इन सीटों पर प्रभारी घोषित नहीं किए हैं।

बीजेपी की तैयारी

सत्ताधारी बीजेपी ने भी इन 10 सीटों पर अपनी रणनीति तय कर ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को विभिन्न सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही, मंत्रियों की भी ड्यूटी लगाई गई है ताकि चुनावी तैयारी और प्रचार को प्रभावी ढंग से किया जा सके। इस समय, उपचुनाव की तैयारी में सपा और बीजेपी दोनों दलों की गतिविधियाँ राजनीतिक हलकों में चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। सपा की ओर से बचे हुए चार सीटों पर प्रभारी की घोषणा के बाद स्थिति और भी स्पष्ट हो सकती है।

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