अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने की रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा, भारत समेत कई देशों पर लगा टैरिफ

KNEWS DESK- पिछले दिनों भारत की तरफ से हाई टैरिफ लगाने का आरोप लगाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत को रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की धमकी के बाद अंततः अमेरिका की तरफ से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी गई है। इस रेसिप्रोकल टैरिफ की जद में विश्व के कई देश आएंगे। अमेरिका द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा होते ही बाजार में हाहाकार मच गया। जहां सेंसेक्स 500 अंकों के साथ औंधे मुंह नीचे गिरा, वहीं जापान का निक्केई पिछले 8 महीने का रिकार्ड तोड़ते हुए नीचे चला गया।

क्या है टैरिफ ट्रंप

टैरिफ ट्रंप का मतलब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपनाई गई आयात शुल्क (टैरिफ) नीति से है। यह नीति उनके कार्यकाल के दौरान खासतौर पर चीन और अन्य देशों से आयात होने वाले उत्पादों पर ऊँचे शुल्क लगाने से जुड़ी थी। ट्रंप ने इसे अमेरिका फर्स्ट और जैसे को तैसा (Reciprocal Tariffs) नीति के तहत लागू किया था।

इन देशों में इतना लगा टैरिफ ट्रंप

  1. चीन- 34% अतिरिक्त टैरिफ

  2. यूरोपीय संघ (EU)- 20% टैरिफ

  3. जापान- 24% टैरिफ

  4. कनाडा और मेक्सिको- 25% टैरिफ

  5. भारत- 26% टैरिफ

  6. वियतनाम- 46% टैरिफ

  7. कंबोडिया- 49% टैरिफ

  8. म्यांमार- 44% टैरिफ

  9. स्विट्ज़रलैंड- 31% टैरिफ

  10. दक्षिण अफ्रीका- 30% टैरिफ

टैरिफ ट्रंप का क्या पड़ेगा भारत में प्रभाव

अमेरिका भारत से स्टील, टेक्सटाइल, फार्मा, आईटी प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल पार्ट्स और रसायन (केमिकल्स) आयात करता है। नए टैरिफ से इन उत्पादों पर अतिरिक्त टैक्स लगेगा, जिससे भारतीय उत्पाद अमेरिका में महंगे हो जाएंगे और उनकी मांग घट सकती है। इससे भारत के एक्सपोर्ट (निर्यात) सेक्टर को झटका लग सकता है। भारत की IT कंपनियां (TCS, Infosys, Wipro) अमेरिका के क्लाइंट्स पर निर्भर हैं।  अगर अमेरिका भारतीय IT सेवाओं पर टैरिफ बढ़ाता है, तो इससे भारतीय कंपनियों को अमेरिका में कारोबार करना महंगा पड़ेगा।

टैरिफ ट्रंप से भारत को होगा फायदा

अमेरिका द्वारा टैरिफ ट्रंप भारत पर लगाये जाने से भारत को नुकसान के साथ बड़ा फायदा होने की भी संभावना जताई जा रही है। इस टैरिफ ट्रंप के लागू होने से जहां अमेरिका से आयतित समान महंगे होंगे, वहीं मेक इन इंडिया के तहत बनने वाले उत्पाद सस्ते हो जाएंगे। भारत के स्टार्टअप्स के मौके बढ़ेंगे और घरेलू बाजार में तीव्र वृद्धि देखने को मिलेगी। इसके अलावा भारत में बनने वाले स्वदेशी उत्पाद में भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। स्वदेशी उत्पातों के दाम भी सस्ते हो जाएंगे।

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