लखनऊ, यूपी निकाय चुनाव को लेकर जनता का इंतजार जल्द ही खत्म हो सकता है. औबीसी आयोग ने आरक्षण को लेकर अपनी लिस्ट तैयार कर सरकार को सौप दी. जिसे कैबिनट से मंजूरी मिलने के बाद नए तरीके से लागू किया जा सकता है. वहीं चुनाव आयोग की तैयारियों को देख लग रहा है कि अप्रैल और मई के महीने के बीच चुनाव कराया जा सकता है.
ॉयूपी में निकाय चुनाव को लेकर इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है. सराकर द्वारा गठित पिछड़ा वर्ग के ने औबीसी आरक्षण को लेकर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को गुरूवार को सौप दी है. शुक्रवार को योगी सरकार की कैबिनट इस सर्वे को मंजूरी दे सकती है. जिसके बाद यूपी सरकार द्वारा इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश कर कोर्ट से चुनाव की इजाजत मांगी जाएगी. इसे सर्वे के आधार पर नई आरक्षण सूची जारी की जाएगी. माना जा रहा है कि अप्रैल-मई के बीच चुनाव कराय जा सकते है.
क्या है पूरा मामला
यूपी की 760 नगर निकायों में नगर निगम के मेयर, नगर पालिका-नगर पंचायत के अध्यक्ष और पार्षद सीटों के लिए पिछले साल दिसंबर में ही चुनाव कराए जाने की प्लानिंग थी. राज्य सरकार ने निकाय चुनाव के लिए सीटों का आरक्षण भी जारी कर दिया था लेकिन आरक्षण को लेकर मामला हाईकोर्ट चला गया. हाईकोर्ट ने बगैर ओबीसी आरक्षण के तत्काल चुनाव कराने का आदेश दिया तो यूपी सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार ने रिटायर्ड जज राम औतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय ओबीसी आयोग का गठन किया था जिसने अपनी सर्वे रिपोर्ट अब सरकार को सौंप दी है.