KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन भी हंगामे और तीखी बहस की भेंट चढ़ गया। सत्र के दूसरे दिन विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने कफ सिरप मामले को लेकर सरकार को घेरा और सदन में जमकर नारेबाजी की। विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा पर तीखा पलटवार किया।
मुख्यमंत्री योगी ने सदन को बताया कि कफ सिरप मामले में अब तक 78 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 136 फर्मों पर छापेमारी की गई है। उन्होंने दोहराया कि कफ सिरप माफिया के तार समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं। योगी ने कहा कि संबंधित कफ सिरप कंपनियों को लाइसेंस सपा सरकार के कार्यकाल में जारी किए गए थे। विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि “आप लोग पढ़ते-लिखते नहीं हैं।”
विपक्ष की लगातार मांगों के बीच मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि समय आने पर कफ सिरप माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं इस मामले पर सरकार के मंत्री संजय निषाद ने कहा कि समाजवादी पार्टी विपक्ष में है, इसलिए विरोध करेगी ही। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय बताते हुए कहा कि लाइसेंस केंद्र सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं, जबकि राज्य सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए अपराधियों को जेल भेजा है। उन्होंने दो टूक कहा कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
सदन में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के नेताओं की तुलना करते हुए कहा कि देश में दो तरह के “नमूने” हैं, जिनमें से एक यहां बैठे हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि यहां के ‘बबुआ’ भी जल्द ही इंग्लैंड घूमने निकल जाएंगे।
योगी की इस टिप्पणी से सपा विधायक भड़क गए। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब भी देश में किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा होती है, तो कुछ लोग विदेश चले जाते हैं। इन आरोपों के बाद नाराज सपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
वहीं समाजवादी पार्टी के सरधना विधायक अतुल प्रधान ने कफ सिरप मामले में सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में इतने बड़े लोग शामिल हैं, जिन तक सरकार के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं। अतुल प्रधान ने राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में कफ सिरप का बड़ा जखीरा मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी, लेकिन 18 महीने बीत जाने के बाद भी जांच का कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया।
उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से जुड़े शुभम जायसवाल का नाम सामने आया, यह साफ हो गया कि इस मामले में सत्ता के बेहद करीब के लोगों की भूमिका है।
कुल मिलाकर कफ सिरप मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव और तेज होता दिख रहा है, जिससे आने वाले दिनों में विधानसभा सत्र और अधिक हंगामेदार रहने के संकेत मिल रहे हैं।