संजय सिंह को मिली राहत
संजय सिंह की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई की जाएगी। उनकी अर्जी में सुल्तानपुर की ट्रायल कोर्ट में पेश होने से छूट दिए जाने का आग्रह किया गया था। न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने इस मामले में आदेश जारी करते हुए सरेंडर आदेश पर रोक लगाई है।
क्या था पूरा मामला
यह मामला 23 साल पुराना है, जिसमें संजय सिंह को पानी और बिजली की समस्या को लेकर धरना प्रदर्शन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। सुल्तानपुर की निचली अदालत ने इस मामले में उन्हें 3 महीने की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ दाखिल अपील को सत्र अदालत ने खारिज कर दिया था और संजय सिंह को सरेंडर करने का आदेश दिया था। संजय सिंह ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है और बरी करने की अपील की है।
हाईकोर्ट में अगली सुनवाई
संजय सिंह की जमानत अर्जी पर 22 अगस्त को सुनवाई नियत थी। इस बीच, उनकी ओर से एक अर्जेंट अर्जी दायर की गई, जिसमें सुल्तानपुर की ट्रायल कोर्ट में पेश होने से छूट देने का आग्रह किया गया। अर्जी में कहा गया कि संजय सिंह राज्यसभा के सांसद हैं और उन्हें 22 अगस्त को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 की संयुक्त संसदीय समिति की पहली बैठक में शामिल होना है।
सरकारी वकील का विरोध
सरकारी वकील ने संजय सिंह की अर्जी का विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने पुनरीक्षण याचिका को सुनवाई के योग्य मानते हुए ट्रायल कोर्ट के समक्ष सरेंडर करने के आदेश पर 22 अगस्त तक रोक लगा दी है।
इस फैसले से संजय सिंह को राहत मिली है और वे महत्वपूर्ण संसदीय बैठक में शामिल हो सकेंगे। हाईकोर्ट की इस रोक से उनकी कानूनी लड़ाई को एक महत्वपूर्ण मोड़ मिला है।