KNEWS DESK- यूजीसी नेट परीक्षा के रद्द किए जाने के बाद पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। छात्र लगातार ये कह रहे हैं कि ये उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। तो वहीं इसी बीच शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि छात्रों के हितों की रक्षा के लिए ये परीक्षा रद्द की गई है।
यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने के एक दिन बाद शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार यानी आज कहा कि परीक्षा के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन छात्रों के हितों की रक्षा के लिए उनके पास उपलब्ध इनपुट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की गई है। शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने कहा कि इनपुट का विवरण साझा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि मामला सीबीआई को भेज दिया गया है और वर्तमान में इसकी जांच चल रही है।
उन्होंने कहा कि कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन एजेंसियों से हमें जो इनपुट मिले हैं, उनसे संकेत मिलता है कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया है। छात्रों के हितों की रक्षा के लिए स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की गई है।
शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने कहा कि जल्द ही परीक्षा की नई तारीख की घोषणा की जाएगी। मंत्रालय ने बीते बुधवार को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द कर दिया, क्योंकि उन्हें इनपुट मिले थे कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया है। मंत्रालय का यह निर्णय मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट पर कथित अनियमितताओं को लेकर बड़े विवाद के बीच आया है, और यह मुद्दा अब सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष है।
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