यूजीसी नेट विवाद: लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्रों ने किया प्रदर्शन, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का मांगा इस्तीफा

KNEWS DESK- कांग्रेस की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई यानी नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने यूजीसी-नेट 2024 परीक्षा रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी ने छात्र-छात्राओं को न्याय दिलाने की मांग की।

अधिकारियों ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा में गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद बुधवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से कराई गई यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने का आदेश दिया। साथ ही मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया है। मंत्रालय का ये फैसला मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में कथित गड़बड़ी को लेकर बड़े पैमाने पर चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर आया है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि यूजीसी-नेट की परीक्षा इस बार पेन और पेपर मोड में एक ही दिन 18 जून को पूरे देश में कराई गई थी। इस परीक्षा के लिए रिकॉर्ड 11 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।

यूजीसी नेट परीक्षा के रद्द किए जाने के बाद पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। छात्र लगातार ये कह रहे हैं कि ये उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। तो वहीं इसी बीच शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि छात्रों के हितों की रक्षा के लिए ये परीक्षा रद्द की गई है।यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने के एक दिन बाद शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार यानी आज कहा कि परीक्षा के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन छात्रों के हितों की रक्षा के लिए उनके पास उपलब्ध इनपुट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की गई है। शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने कहा कि इनपुट का विवरण साझा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि मामला सीबीआई को भेज दिया गया है और वर्तमान में इसकी जांच चल रही है।

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