KNEWS DESK- मुंबई में 3 दिसंबर को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने आगामी चुनावों की रणनीति पर चर्चा की। बैठक के दौरान, ठाकरे ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी भविष्य में अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय ले सकती है। यह बयान खासकर आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों और विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिया गया है, जो पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
बैठक का आयोजन मातोश्री में हुआ, जहां उद्धव ठाकरे ने पूर्व और संभावित नगरसेवकों को संबोधित किया। उन्होंने पार्टी के सदस्यों से आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनावों के लिए पूरी तैयारी करने का आह्वान किया। BMC, जिसे भारत का सबसे अमीर नागरिक निकाय माना जाता है, पर पिछले 25 वर्षों तक शिवसेना का नियंत्रण था। हालांकि, अब शिंदे गुट ने महा विकास अघाड़ी (MVA) के 47 पूर्व नगरसेवकों को अपने पक्ष में कर लिया है, जिससे मुकाबला और भी कड़ा हो गया है।
BMC चुनावों की देरी को लेकर ठाकरे ने कहा कि यह चुनाव तीन साल की देरी से अब फरवरी-मार्च 2025 में होने की संभावना है, और इसके लिए पार्टी को अभी से अपनी तैयारी शुरू करनी होगी। उन्होंने नगरसेवकों को स्थानीय निकाय चुनावों के लिए जुट जाने का निर्देश दिया, ताकि शिवसेना (UBT) अपनी मजबूत स्थिति को पुनः स्थापित कर सके।
विधानसभा चुनावों में परिणाम पर विचार
उद्धव ठाकरे ने इस बैठक के दौरान हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन का भी विश्लेषण किया। विधानसभा चुनाव में शिवसेना (UBT) ने 36 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उसे केवल 10 सीटों पर ही सफलता मिली। ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया कि आगामी चुनावों में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए पिछली हार के कारणों का विश्लेषण किया जाएगा। इसके लिए पार्टी में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जो उन निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करेंगे, जहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। यह कदम इस बात की जांच करने के लिए होगा कि हार के पीछे क्या कारण थे और किस प्रकार सुधार किया जा सकता है।
ठाकरे ने इस दौरान पार्टी की हिंदुत्व समर्थक विचारधारा पर उठ रहे सवालों को खारिज करने की भी बात की। उन्होंने शिंदे गुट के दावों का विरोध करने की बात करते हुए अपने पार्टी सदस्यों से एकजुट रहने की अपील की। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि शिवसेना (UBT) का राजनीतिक और विचारधारात्मक स्वरूप अपरिवर्तित रहेगा, और पार्टी हर स्थिति में अपने सिद्धांतों पर कायम रहेगी।
ये भी पढ़ें- संभल घटना पर राजनीतिक हलचल तेज, आज संभल जाएंगे राहुल गांधी, प्रशासन ने रोकने के लिए किए पुख्ता इंतजाम