जीएसटी में पारदर्शिता और कड़ा प्रवर्तन ज़रूरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर विभाग की समीक्षा बैठक में दिए सख्त निर्देश

KNEWS DESK-  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य कर विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कर संग्रह की स्थिति पर गहरी नजर डालते हुए अधिकारियों को पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और सख्त प्रवर्तन की नीति अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने खासतौर पर शेल कंपनियों और फर्जी पंजीकृत फर्मों के खिलाफ अभियान चलाने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि ऐसे कृत्य राज्य के ईमानदार करदाताओं और विकास योजनाओं के साथ विश्वासघात हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर चोरी केवल एक कानूनी उल्लंघन नहीं, बल्कि यह राष्ट्रविरोधी कृत्य है, जिसका सीधा असर राज्य की विकास परियोजनाओं और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों पर पड़ता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जहां जनसंख्या घनत्व अधिक है, वहां से अपेक्षाकृत अधिक कर संग्रहण होना स्वाभाविक है, इसलिए ऐसे क्षेत्रों से राजस्व प्राप्ति को प्राथमिकता दी जाए।

योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार को सेंट्रल जीएसटी (CGST) के अंतर्गत पंजीकृत संदिग्ध फर्मों की सूचना तत्काल भेजने के निर्देश दिए, ताकि उनका पंजीकरण रद्द किया जा सके। वहीं राज्य जीएसटी (SGST) के तहत पंजीकृत फर्मों की गहन विभागीय जांच कर यदि अनियमितता पाई जाए, तो उनका पंजीकरण तुरंत निरस्त करते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि सभी नई पंजीकृत फर्मों का अनिवार्य रूप से स्थलीय निरीक्षण किया जाए, ताकि कोई फर्जी कंपनी ईमानदार करदाताओं के हितों को नुकसान न पहुंचा सके।

बैठक में कर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित 1,75,725 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक अप्रैल और मई माह में कुल 18,161.59 करोड़ रुपये का जीएसटी और वैट संग्रह हो चुका है। मुख्यमंत्री ने इस प्रदर्शन की सराहना की, लेकिन साथ ही लक्ष्य की दिशा में प्रयासों को और तेज करने का निर्देश भी दिया।

उन्होंने लखनऊ, अयोध्या, बरेली, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, झांसी और सहारनपुर जैसे ज़ोन में 60% या उससे अधिक लक्ष्य पूर्ति को सराहनीय बताया। वहीं वाराणसी जोन प्रथम, प्रयागराज, कानपुर द्वितीय, इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद जैसे ज़ोन में 50% से कम कर संग्रह को “असंतोषजनक” करार देते हुए इनकी तत्काल व्यापक समीक्षा के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री ने विभाग को टेक्नोलॉजी आधारित समाधान जैसे डेटा एनालिटिक्स, रियल टाइम ट्रैकिंग और एआई-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन अपनाने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापारियों के साथ संवाद और सहयोग को बढ़ावा दिया जाए, ताकि स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहन मिले।

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