KNEWS DESK- हाल ही में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की पहली बैठक आयोजित की गई, जिसमें इसके नए अध्यक्ष बीआर नायडू के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में भक्तों के दर्शन के समय को घटाने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने की योजना बनाई गई। इसके अलावा, मंदिर में राजनीति से संबंधित बयानबाजी पर प्रतिबंध लगाने, लड्डू बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले घी की खरीद, और अन्य निर्णय भी लिए गए।
दर्शन समय कम करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने बताया कि भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए प्रतीक्षा समय कभी-कभी 20 घंटे तक पहुँच जाता है। इस लंबी प्रतीक्षा को कम करने के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए टीटीडी एक विशेषज्ञ पैनल गठित करेगा, जो दर्शन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने और भीड़ को नियंत्रित करने के उपायों पर विचार करेगा। टीटीडी का उद्देश्य है कि भक्तों को कम से कम समय में भगवान के दर्शन हो सकें, जिससे उनकी यात्रा अधिक आरामदायक हो सके।
मंदिर में गैर-हिंदू कर्मचारियों को लेकर लिया गया बड़ा निर्णय
बैठक में गैर-हिंदू कर्मचारियों से संबंधित भी एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। टीटीडी ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि वह तिरुमाला मंदिर में काम करने वाले गैर-हिंदू कर्मचारियों के बारे में उचित निर्णय लें। टीटीडी का मानना है कि मंदिर के कर्मचारियों को धार्मिक और आध्यात्मिक मूल्यों का पालन करना चाहिए, और इसलिए गैर-हिंदू कर्मचारियों को अन्य सरकारी संस्थाओं में स्थानांतरित करने या उन्हें वीआरएस (वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) की पेशकश करने की सलाह दी गई है। इस कदम का उद्देश्य मंदिर के कर्मचारियों को तिरुमाला के धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों के अनुरूप रखना है।
दर्शन कोटा समाप्त, बयानबाजी पर प्रतिबंध
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विभिन्न राज्यों के एपी पर्यटन निगम के द्वारा जारी किया जाने वाला ‘दर्शन’ कोटा समाप्त किया जाएगा, क्योंकि इस प्रक्रिया में कई अनियमितताएँ सामने आई थीं। इसके अतिरिक्त, टीटीडी बोर्ड ने राजनीतिक बयानबाजी पर भी सख्त रुख अपनाया है। अब से, तिरुमाला मंदिर में दर्शन के बाद कोई भी व्यक्ति या नेता राजनीतिक बयान या भाषण नहीं दे सकेगा। बोर्ड ने कहा कि ऐसे मामलों में, यदि आवश्यकता पड़ी, तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
निजी बैंकों से सरकारी बैंकों में पैसे का ट्रांसफर
टीटीडी ने अपनी वित्तीय नीति में भी बदलाव का निर्णय लिया है। बोर्ड ने सभी जमा राशियों को निजी बैंकों से निकालकर नेशनलाइज्ड बैंकों में जमा करने का निर्णय लिया है। यह कदम टीटीडी की वित्तीय सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
उच्च गुणवत्ता वाले घी की खरीद और अन्य फैसले
बैठक में यह भी तय किया गया कि भगवान वेंकटेश्वर के प्रसिद्ध लड्डू और अन्य प्रसाद तैयार करने के लिए बेहतर गुणवत्ता वाले घी की खरीद के लिए टीटीडी फिर से निविदाएं जारी करेगा। इसके अलावा, वार्षिक ब्रह्मोत्सवम के दौरान विशेष सेवाएं देने वाले कर्मचारियों के लिए नकद पुरस्कार में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी को भी मंजूरी दी गई।