हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश और बर्फबारी, कई जिलों में सड़कें हुईं बंद

KNEWS DESK-  हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन दिनों से मौसम खराब बना हुआ है, और बीते 12 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी है, जबकि निचले इलाकों में भारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर लाहौल स्पीति, चंबा-पांगी और किन्नौर जिले के ज्यादातर हिस्सों में भारी बर्फबारी के कारण सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे इन क्षेत्रों का संपर्क शेष दुनिया से कट गया है।

पिछले 24 घंटे के दौरान हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में ताजा बर्फबारी हुई है। इनमें लाहौल स्पीति, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिले के ऊंचे क्षेत्रों को प्रभावित किया है। इन क्षेत्रों में फ्रेश स्नोफॉल ने मौसम को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है। कुल्लू और कांगड़ा में बादल फटने जैसे हालात बन गए हैं, जिससे इन जिलों में स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

जानकारी के अनुसार, किन्नौर, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी के कारण व्यापक नुकसान की खबरें आई हैं। खासकर कुल्लू जिले में भयंकर बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। यहां पर बारिश जैसी स्थिति देखी जा रही है। कई गाड़ियां मलबे में दब गईं, जबकि भुंतर सब्जी मंडी पानी में डूब गई। इसके अलावा, भुतनाथ पुल के पास भी गाड़ियां नाले में बह गई हैं, जो स्थिति को और विकट बना रही है।

मौसम की इस गड़बड़ी के चलते लारजी डैम से पानी छोड़ा गया है, और बताया जा रहा है कि बरोट में डैम का गेट भी खोला गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि बड़ा बंगाल की तरफ बादल फटने की घटना हुई है, जिससे पानी का स्तर बढ़ गया है। इस वजह से कुछ गाड़ियां बह गई हैं, और इलाके में स्थिति और भी भयावह हो गई है।

हिमाचल प्रदेश में इस समय बारिश और बर्फबारी की वजह से सड़क संपर्क टूटने के कारण प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। मुख्यमंत्री ने हालात की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित विभागों को अलर्ट मोड में रहने और प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन ने भी बर्फबारी और बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है।

यहां की सरकार और प्रशासन की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लोगों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। प्रदेश के अधिकतर प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति, पानी की व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं को ठीक से संचालित करने की कोशिश की जा रही है।

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