आज सावन का तीसरा सोमवार, जरूर पढ़ें ये व्रत कथा…

KNEWS DESK- हर साल शिवभक्तों को सावन महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि यह भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। सावन में आने वाले प्रत्येक सोमवार का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु सावन सोमवार को व्रत रखकर विधिवत शिव परिवार की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

इस साल 28 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है, और इस दिन विनायक चतुर्थी भी पड़ रही है। सोमवार और चतुर्थी का यह दुर्लभ संयोग बेहद शुभ माना जा रहा है। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ गणपति बप्पा की आराधना करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। व्रत रखने वाले भक्तों के लिए यह दिन अत्यंत पुण्यदायक है।

पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय की बात है एक नगर में एक साहूकार रहता था, जो अत्यंत धनवान तो था, लेकिन संतानहीन था। वह भगवान शिव का परम भक्त था और रोज उनकी पूजा करता था। माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि यह साहूकार आपकी भक्ति करता है, आप इसकी संतान की इच्छा क्यों नहीं पूरी करते?

भगवान शिव ने कहा कि इसकी किस्मत में संतान नहीं है, और यदि संतान हुई भी, तो वह केवल 12 वर्षों तक जीवित रह पाएगा। साहूकार यह बात सुन रहा था। उसे थोड़ी निराशा तो हुई, लेकिन उसने भक्ति नहीं छोड़ी। कुछ समय बाद उसकी पत्नी गर्भवती हुई और एक पुत्र का जन्म हुआ।

समय बीतता गया और वह पुत्र 11 वर्ष का हो गया। एक दिन उसे शिक्षा के लिए काशी भेजा गया। रास्ते में एक राजकुमारी की शादी हो रही थी, और एक अजीब संयोग से वह बालक ही उस विवाह का पात्र बन गया। विवाह के बाद वह काशी पहुंचा, लेकिन यज्ञ के दौरान अचानक उसकी मृत्यु हो गई। यह देखकर सब शोक में डूब गए।

जब यह सब माता पार्वती ने देखा तो उन्होंने शिवजी से प्रार्थना की कि वह बालक को जीवन दान दें। पहले तो शिवजी ने मना किया, लेकिन माता पार्वती के बार-बार आग्रह करने पर उन्होंने उस बालक को फिर से जीवित कर दिया। वह बालक “ॐ नम: शिवाय” कहते हुए उठ खड़ा हुआ और सभी ने भगवान शिव को धन्यवाद दिया।

यह कथा बताती है कि सच्ची श्रद्धा और भक्ति से भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है। भक्त की आस्था अगर सच्ची हो, तो भगवान भी नियमों में परिवर्तन कर सकते हैं। इसीलिए सावन के सोमवार को यह कथा पढ़ने और भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

सावन सोमवार और चतुर्थी व्रत: कैसे करें पूजा?

दिनभर व्रत रखें और शाम को आरती के बाद फलाहार करें।

प्रातःकाल स्नान कर शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाएं।

“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

गणपति बप्पा को दूर्वा, मोदक और लाल फूल अर्पित करें।

शिव व्रत कथा और गणेश चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें।