knews desk, बाबा बकाला तहसील के गांव जल्लुपर खेड़ा का अमृतपाल सिंह कपूरथला के बहु तकनीकी कॉलेज का ड्रॉप आउट है। उसके बाद वह दुबई में जाकर ट्रक ड्राइवर बना और ट्रांसपोर्ट का कारोबार आगे बढ़ाया। जब वह वारिस पंजाब का प्रमुख बता तो राजनीतिक हलचल पैदा हुई और खुफिया विंग भी जागरूक हुआ। कुछ दिनों में वह राजनीति का केंद्र बन गया। जितनी तेजी उसका ग्राफ चढ़ा, उससे तेज गति से नीचे गिरा। वहीं, अब पुलिस का सबसे बढ़ा वाटेंड है। 80 हजार पुलिस कर्मी उसके पीछे है। लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग पुलिस नहीं लगा पाई है।
आपको बता दें कि “वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह की फरारी के चार दिन बाद भी गांव जल्लूपुर में हालात तनावपूर्ण हैं। गांव में पुलिसकर्मियों की संख्या थोड़ी कम कर दी गई है, लेकिन लोगों के अंदर अब भी दहशत है। जल्लूपुर गांव के गुरुद्वारे में जो नशा छुड़ाओ केंद्र चल रहा था, उसे बंद कर दिया गया है। यहीं पर अमृतपाल युवाओं के दिमाग में जहर भर रहा था। अमृतपाल सिंह के साथियों की पुलिस अभी भी तलाश कर रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को भी छापामारी अभियान जारी रहा। पुलिस उन 11 युवाओं की भी तलाश कर रही है, जो अमृतपाल की ओर से गठित हथियारबंद विंग आनंदपुर खालसा फोर्स में भर्ती होना चाहते थे। ”
इनकी आयु 30 वर्ष से कम है और इनके साथ अपने लाइसेंसी हथियार भी हैं। ये युवा अमृतसर जिले के अलग-अलग कस्बों के रहने वाले हैं। इनकी दो बार अमृतपाल सिंह के साथ बैठकें भी हो चुकी हैं। बताया जाता है कि ये युवा अजनाला थाना के घेराव के दौरान भी अमृतपाल के समर्थकों की भीड़ में शामिल थे। इन युवाओं ने अमृतपाल के साथ उनकी फोर्स में शामिल होने की सहमति भी प्रकट कर दी थी। अमृतसर के रहने वाले दो लोगों ने ही अमृतपाल के साथ इन युवाओं का संपर्क करवाया था। यह दोनों भी पुलिस की हिरासत में हैं। पूछताछ के दौरान ही यह खुलासा हुआ है कि अमृतपाल सिंह एकेएफ को शक्तिशाली बनाने के लिए युवाओं की संख्या बढ़ा रहा था।