जब तक हर बंगाली फॉर्म नहीं भरेगा, मैं भी नहीं भरूंगी… SIR पर भड़की सीएम ममता बनर्जी

डिजिटल डेस्क- पश्चिम बंगाल में SIR (Systematic Information Revision) प्रक्रिया की शुरुआत के दूसरे दिन ही राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रक्रिया का बहिष्कार करते हुए साफ कहा है कि वह तब तक गणना फॉर्म नहीं भरेंगी जब तक बंगाल का हर नागरिक यह फॉर्म नहीं भर देता। बीएलओ के उनके घर पहुंचने के बाद ममता ने फेसबुक पर एक पोस्ट कर अपनी नाराजगी जाहिर की। ममता बनर्जी ने लिखा, “कल बीएलओ प्रभारी हमारे मोहल्ले में आए थे। उन्होंने मेरे निवास कार्यालय में आकर यह पता लगाया कि घर में कितने मतदाता हैं और गणना फॉर्म सौंपे। मैंने साफ कहा कि जब तक बंगाल के हर व्यक्ति को यह फॉर्म नहीं मिलता, मैं अपना फॉर्म नहीं भरूंगी।” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मीडिया संस्थान यह झूठी खबर फैला रहे हैं कि उन्होंने फॉर्म अपने हाथ में ले लिया है — “यह पूरी तरह गलत, भ्रामक और जानबूझकर फैलाया गया दुष्प्रचार है।”

शुरू से ही SIR का विरोध कर रही है तृणमूल कांग्रेस

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही SIR प्रक्रिया का विरोध कर रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले भी कहा था कि वह बंगाल में इसे लागू नहीं होने देंगी। मंगलवार को जब राज्य में इस प्रक्रिया की आधिकारिक शुरुआत हुई, तो ममता और अभिषेक बनर्जी दोनों सड़कों पर उतर आए। उन्होंने जोड़ासांको में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के नीचे से ठाकुरबाड़ी तक जुलूस निकाला और इसे “संविधान की रक्षा की लड़ाई” बताया। ममता ने उस दौरान कहा था, “हम शुरू से ही इस प्रक्रिया के खिलाफ हैं। अगर एक भी बंगाली नागरिक का नाम मतदाता सूची से हटाया गया, तो हम बीजेपी सरकार को गिरा देंगे।” उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि “SIR के नाम पर बंगालियों की नागरिकता और पहचान पर हमला किया जा रहा है।

ममता के बयान का केन्द्रीय मंत्री ने किया पलटवार

वहीं, केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने ममता के बयान को लेकर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा, “अगर मुख्यमंत्री बीएलओ से फॉर्म लेने से इनकार करती हैं, तो यह गैरकानूनी है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि परिवार का कोई सदस्य फॉर्म लेने के लिए मौजूद होना चाहिए। अब यह उन पर निर्भर करता है कि वह इसे भरकर जमा करती हैं या नहीं। लेकिन अगर वह बांग्लादेशियों, पाकिस्तानियों और अफगानियों को बंगाल का मतदाता बनाना चाहती हैं, तो ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।”