दो जगह से SIR फॉर्म भरने वालों को होगी एक साल की जेल, चुनाव आयोग ने जारी की सख्त चेतावनी

डिजिटल डेस्क- देश के नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया तेजी से जारी है। उत्तर प्रदेश में यह अभियान 4 नवंबर से शुरू हुआ था और 4 दिसंबर तक चलेगा। इस एक महीने की अवधि में राज्य भर के मतदाताओं के नामों का सत्यापन, डुप्लिकेट प्रविष्टियों की पहचान और सूचियों को अद्यतन करने का बड़ा कार्य किया जा रहा है। चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी मतदाता दो जगह से गणना प्रपत्र (Form 6/7/8) न भरे। यदि कोई व्यक्ति दो अलग-अलग क्षेत्रों से फॉर्म भरते हुए पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 के तहत एक साल की जेल या जुर्माने की कार्रवाई हो सकती है। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि दो जगह से फॉर्म भरने वाले मतदाता अब डिजिटल ट्रैकिंग से आसानी से पकड़ में आ जाएंगे। आयोग ने ऐसी तकनीकी व्यवस्था लागू की है, जिससे किसी भी वोटर के दोहरी प्रविष्टि करते ही सिस्टम अलर्ट कर देगा। उन्होंने कहा कि जिन मतदाताओं का नाम गांव और शहर दोनों जगह दर्ज है, वे सिर्फ एक जगह फॉर्म भरकर जमा करें। उनका नाम दूसरी जगह से स्वतः हट जाएगा। मतदाता सूची 27 अक्टूबर को फ्रीज की जा चुकी है, इसलिए वर्तमान स्थान के आधार पर ही फॉर्म स्वीकार किए जाएंगे।

4 दिसंबर तक वितरित होंगे घर-घर फॉर्म

SIR प्रक्रिया का उद्देश्य एक ही व्यक्ति का नाम दो जगह सूची में दर्ज रहने की समस्या को खत्म करना है। यदि कोई व्यक्ति उत्तर प्रदेश का मूल निवासी है, लेकिन फिलहाल दिल्ली, मुंबई या अन्य शहर में रहकर वहां वोटर है, तो उसे वहीं का फॉर्म भरना चाहिए। आयोग का लक्ष्य हर मतदाता की प्रविष्टि को एक जगह तक सीमित करना है। एसआईआर के तहत फॉर्म 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बूथ लेवल ऑफिसरों (बीएलओ) द्वारा घर-घर जाकर वितरित किए जा रहे हैं। बीएलओ की जिम्मेदारी है कि वे हर घर तक फॉर्म पहुंचाएं और सही जानकारी लेने के बाद उन्हें वापस संग्रहित करें। यदि कोई मतदाता घर पर नहीं मिलता है, तो परिवार का कोई भी सदस्य फॉर्म भरकर बीएलओ को दे सकता है। जिन व्यक्तियों का नाम पिछली सूची (2023) में शामिल नहीं था, उनके लिए विशेष सत्यापन प्रक्रिया भी होगी, जिसमें उनकी पहचान संबंधित दस्तावेजों के आधार पर जांची जाएगी और बाद में सुनवाई के बाद प्रविष्टि को मंजूरी दी जाएगी।

नाम हटाने के लिए फॉर्म के माध्यम से करना होगा सूचित

यदि परिवार का कोई सदस्य अब जीवित नहीं है या कहीं और स्थानांतरित हो गया है, तो उसके नाम को हटाने के लिए परिवार को पीले फॉर्म के माध्यम से बीएलओ को सूचित करना आवश्यक है। इस बार एसआईआर का दूसरा चरण जिन प्रदेशों में संचालित हो रहा है, उनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप और पुडुचेरी शामिल हैं। पूरी प्रक्रिया के बाद मतदाता सूची का मसौदा 9 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा। 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक आपत्तियां और दावे लिए जाएंगे। सत्यापन प्रक्रिया 31 जनवरी 2026 तक चलेगी और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी होगी।