KNEWS DESK – धनतेरस का दिन खासकर व्यापारियों और दुकानदारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन शाम के समय माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और धनपति कुबेर की पूजा की जाती है ताकि घर और व्यवसाय में धन, समृद्धि और खुशहाली बनी रहे। यदि आप इस साल धनतेरस की पूजा करने जा रहे हैं, तो पूजा सामग्री और मंत्र की पूरी तैयारी पहले से कर लेना बेहद जरूरी है।
धनतेरस पूजा सामग्री लिस्ट
धनतेरस की पूजा विधिपूर्वक संपन्न करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- माता लक्ष्मी, गणेश जी और धनपति कुबेर की मूर्ति या फोटो
- कुबेर यंत्र और श्री यंत्र
- पूजा के लिए लकड़ी की चौकी
- नया बहीखाता और कलम
- अक्षत्, रोली, हल्दी, सिंदूर, शक्कर
- गंगाजल और गाय का शुद्ध घी
- पान का पत्ता, सुपारी, लौंग, इलायची, फल
- पीले और लाल रंग के नए वस्त्र, फूल, माला
- कमल और लाल गुलाब, कमलगट्टा
- इत्र, रक्षासूत्र, पंच पल्लव, दूर्वा, कुश, पंच मेवा
- दूध, दही, शहद, यज्ञोपवीत, गुलाल
- रुई की बत्ती, दीपक, कपूर, धूप, गंध
- मिठाई, नैवेद्य, नारियल, साबुत धनिया
- चांदी और सोने का सिक्का
- सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, बैठने के लिए कुश या कंबल का आसन
- धनतेरस कथा और आरती की पुस्तक
धनतेरस पूजा मंत्र
धनतेरस पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है। इन मंत्रों का उच्चारण करते समय श्रद्धा और भक्ति भाव से ध्यान करना चाहिए।
- गणेश मंत्र:
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा। - लक्ष्मी मंत्र:
ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः - कुबेर मंत्र:
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर पूजा के लिए प्रदोष काल को सबसे उत्तम समय माना जाता है।
- शाम का मुहूर्त: 06:59 बजे से 20:56 बजे तक
- सिंह लग्न में रात का मुहूर्त: 01:27 बजे से 03:41 बजे तक
इस समय में पूजा विधिपूर्वक करने से लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की कृपा अधिक से अधिक प्राप्त होती है।