KNEWS DESK – लोकसभा में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर गंभीर चर्चा हुई। इस दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने विस्तार से भारत की कार्रवाई और रणनीति को सदन के सामने रखा। उन्होंने साफ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति “जीरो टॉलरेंस” की है और इस नीति से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख
जयशंकर ने बताया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्पष्ट रूप से अपनी बात रखी और पूरी दुनिया को बताया कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। UNSC ने हमारे पक्ष को माना और समर्थन दिया।” उन्होंने कहा कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की भूमिका थी, जिसे दुनिया के सामने बेनकाब करना विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी थी – और भारत ने यह काम पूरी दृढ़ता से किया।
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के बड़े फैसले
विदेश मंत्री ने बताया कि 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक हुई, जिसमें पांच बड़े फैसले लिए गए:
- सिंधु जल संधि 1960 को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता।
- अटारी चेक पोस्ट को बंद करने का निर्णय लिया गया।
- एसएआरसी वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों की भारत यात्रा पर रोक लगाई गई।
- पाकिस्तानी हाई कमीशन के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया गया।
- हाई कमीशन के स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई।
दुनिया के सामने पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश
एस. जयशंकर ने कहा कि भारत की रणनीति सिर्फ सैन्य नहीं बल्कि कूटनीतिक भी थी। “हमने वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान द्वारा आतंक को हथियार बनाए जाने की सच्चाई उजागर की। हमने बताया कि पहलगाम हमला न सिर्फ सैन्य, बल्कि जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था और सामाजिक सौहार्द को चोट पहुंचाने की कोशिश थी।” उन्होंने कहा कि इस हमले की निंदा सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि कई देशों ने की और भारत की कार्रवाई को जायज ठहराया।
ट्रंप के दावे को किया खारिज
लोकसभा में बोलते हुए जयशंकर ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि भारत-पाक विवाद में वह मध्यस्थता कर रहे थे। जयशंकर ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी मध्यस्थ नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा स्पष्ट किया है कि आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।” उन्होंने यह भी बताया कि 9 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी को फोन कर पाकिस्तान की आतंकी साजिश की जानकारी दी थी। इस पर पीएम ने दो टूक जवाब दिया, “भारत जिम्मेदारी से लेकिन सख्ती के साथ जवाब देगा।”