KNEWS DESK- वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार करने के लिए शुक्रवार यानी आज संसद की संयुक्त समिति की बैठक हुई, जिसमें जमकर हंगामा हुआ। बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कल्याण बनर्जी और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद बैठक को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया।
बैठक में कल्याण बनर्जी ने सवाल उठाया कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर इतनी जल्दी बैठक क्यों बुलाई जा रही है। इस पर निशिकांत दुबे ने आपत्ति जताई, और दोनों नेताओं के बीच विवाद बढ़ गया। विवाद इस हद तक बढ़ा कि समिति ने 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया। बाद में बैठक को 27 दिसंबर तक स्थगित कर दिया गया।
मीरवाइज उमर फारूक की आपत्ति
वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति के समक्ष कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक भी अपनी आपत्तियां दर्ज कराएंगे। खबरों के मुताबिक, मीरवाइज शुक्रवार को समिति के समक्ष पेश होकर मसौदा विधेयक के बारे में अपनी आपत्तियां व्यक्त करेंगे। इसके साथ ही समिति शुक्रवार को ‘लॉयर्स फॉर जस्टिस’ समूह के विचार भी सुनेगी।
भाजपा नेता जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता में गठित इस संयुक्त समिति ने विपक्षी नेताओं द्वारा व्यक्त की गई आपत्तियों के बाद विधेयक पर विचार-विमर्श को अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। समिति अब सोमवार को विधेयक पर विस्तार से विचार करेगी।
यूडीएफ सांसद फ्रांसिस जॉर्ज का बयान
इस बीच, वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में पहले बयान देने वाले यूडीएफ सांसद फ्रांसिस जॉर्ज ने गुरुवार को अपने बयान पर पलटते हुए स्पष्ट किया कि उनका बयान गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि वे वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करेंगे। जॉर्ज ने कहा कि उनका रुख उनके पार्टी के रुख के समान है, और उन्होंने केरल विधानसभा में वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन किया था।
यह घटनाक्रम इस बात को स्पष्ट करता है कि वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद में विचार-विमर्श और राजनीतिक दलों के बीच मतभेद अभी भी जारी हैं। विपक्षी नेताओं की आपत्तियों और विवादों के बावजूद, यह विधेयक संसद में अहम चर्चा का विषय बना हुआ है।
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