नीट-यूजी फिर कराने के लिए होना चाहिए ठोस आधार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा

KNEWS DESK- सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 को नए सिरे से कराने के लिए ये ठोस आधार होना चाहिए कि पूरी परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है। भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने विवादों में घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर अहम सुनवाई शुरू की।

बेंच ने कहा कि इसके ‘सामाजिक प्रभाव’ हैं। न्यायालय ने नीट-यूजी से जुड़ी याचिकाओं से पहले लिस्टिड मामलों की सुनवाई स्थगित कर दी और कहा कि हम आज मामले पर सुनवाई करेंगे। लाखों युवा छात्र इसका इंतजार कर रहे हैं, हमें सुनवाई करने और फैसले लेने दीजिए।

पीठ ने परीक्षा रद्द करने, पुन: परीक्षा कराने और पांच मई को हुई परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं से ये दिखाने के लिए कहा कि प्रश्न पत्र ‘‘व्यवस्थागत’’ तरीके से लीक किया गया और उससे पूरी परीक्षा पर असर पड़ा, इसलिए इसे रद्द करना जरूरी है।

सीजेआई ने कहा कि पुन: परीक्षा कराने के लिए ये ठोस आधार होना चाहिए कि पूरी परीक्षा की शुचिता पर असर पड़ा है। इस मामले की जांच के मुद्दे पर बेंच ने कहा कि सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई ने हमें जो बताया है अगर उसका खुलासा कर दिया जाता है तो इससे जांच पर असर पड़ेगा। इस मामले की सुनवाई जारी है। सुप्रीम कोर्ट 40 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इनमें राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की याचिका भी शामिल है, जिसमें उसने, परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर विभिन्न हाई कोर्ट में उसके खिलाफ लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया है।

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