KNEWS DESK- संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और इस बार सरकार कई बड़े वित्तीय सुधारों को आगे बढ़ाने की तैयारी में है। इस सत्र का एजेंडा खासा व्यस्त रहने वाला है, क्योंकि सरकार लोकसभा में कुल 9 वित्तीय विधेयकों को पेश करने जा रही है। कुछ ही घंटों में शुरू होने वाले इस सत्र में बीमा क्षेत्र में भारी बदलाव, तंबाकू-पान मसाला पर नए टैक्स एवं सेस व्यवस्था और पूंजी बाजार सुधार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने की संभावना है।
संसद सदस्यों को भेजी गई आधिकारिक सूची के अनुसार, सरकार इंश्योरेंस कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश करेगी। यह प्रस्ताव बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने का है। इस कदम को नई पीढ़ी के वित्तीय सुधारों का एक बड़ा हिस्सा माना जा रहा है। अब तक बीमा उद्योग लगभग 82,000 करोड़ रुपये का एफडीआई आकर्षित कर चुका है, और सरकार का मानना है कि सीमा बढ़ाने से अधिक पूंजी आएगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएँ मिलेंगी।
सत्र में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश किए जाएंगे-
केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025
स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025
इन दोनों विधेयकों का उद्देश्य तंबाकू और पान मसाला जैसी हानिकारक वस्तुओं पर कर ढांचे को नया स्वरूप देना है। सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर लगने वाला नया उत्पाद शुल्क जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर की जगह लेगा। पान मसाला पर लगने वाला नया राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर वर्तमान मुआवजा उपकर को प्रतिस्थापित करेगा।
इन उपकरों से मिलने वाला राजस्व राष्ट्रीय सुरक्षा और पब्लिक हेल्थ से जुड़े खर्चों के लिए उपयोग किया जाएगा। वर्तमान में तंबाकू और पान मसाला पर 28% जीएसटी और इसके अतिरिक्त अलग-अलग दरों पर मुआवजा उपकर लगाया जाता है।
सरकार पूंजी बाजार में सुधार के लिए प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक 2025 भी पेश करेगी। यह विधेयक कई अलग-अलग विनियमों को एकीकृत कर एक एकीकृत सिक्योरिटीज मार्केट कोड लाने का लक्ष्य रखता है, जिससे बाजार संचालन सरल होगा और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।